स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा :: जालोर का सरकारी डॉक्टर 1500 रूपए में 10 मिनट में थमा रहा कोरोना की रिपोर्ट
राजस्थान
20 Nov 2020
- घर पर लगी अवैध लेबोरेट्री पर दस मिनट में ही जांच रिपोर्ट देकर लोगों से लूट रहा हजारों रूपए - सरकार की ओर से प्रतिबंधित होने के बावजूद एंटीजन कार्ड से कोविड-19 जांच कर रहा

जालोर. हमारे समाज में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि वही एक ऐसा शख्स है, जो किसी को मौत के मुंह में जाने से बचा सकता है। तिल-तिल मरते किसी इंसान को जिंदगी दे सकता है और खोई हुई उम्मीदों को जीता-जागता उत्साह दे सकता है। जाहिर सी बात है कि धरती पर एक डॉक्टर ही साक्षात ईश्वर का काम करता है और इसके लिए उनके प्रति जितना कृतज्ञ हुआ जाए कम ही होगा। हमारे भाव तो डाॅक्टर्स के प्रति बिल्कुल सही है, लेकिन क्या चिकित्सक सच में देवता रह गया है? जबाव है कि कुछ ऐसे डाॅक्टर्स है, जिनके लिए यह सर्वोपरि पेशा केवल पैसा कमाने का माध्यम रह गया है, उनका एक ही मकसद रहता है येन-केन प्रकारेण कैसे भी करके पैसा कमाया जाए, ऐसे डॉक्टर ना केवल इस सर्वोपरि पेशे को बार-बार कलंकित करते है बल्कि डॉक्टर्स पर आम जनता के सदियों से जमे हुए विश्वास को एक सेकंड में झकझोर देते है। आज हम ऐसे ही एक डाॅक्टर को आपके सामने बेनकाब करेंगे, जिसने कोरोना जैसी महामारी को भी पैसे कमाने के एक अवसर के रूप में लिया और रोजाना कई लोगों से हजारों रूपए वसूले। आज भी उस डाॅक्टर का यह कार्य बदस्तूर जारी है।
सबसे पहले तो आपका इस डाॅक्टर से परिचय करवा देते हैं, उसके बाद इसके कारनामे से पर्दा उठाएंगे।
ये चिकित्सक है जालोर जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल का सीनियर डाॅक्टर हेमंत कुमार जैन। चिकित्सक भले ही सरकारी हो, लेकिन ड्यूटी घर में लगा रखे स्वयं के अस्पताल में देता है। घर पर ही लेब लगा रखी है, जो अवैध रूप से संचालित हो रही है, यहां मेडिकल दुकान भी मिल जाएगी। अंदर की तरफ पलंग लगा भी रखे हैं, जहां मरीजों को उपचार के नाम पर लूटा जाता है और सवेरे से शाम तक मरीजों की जांच करके हजारों रूपए जेब में डालने का कार्य धड़ल्ले से चलता हैं।
ये चिकित्सक है जालोर जिला मुख्यालय के सरकारी अस्पताल का सीनियर डाॅक्टर हेमंत कुमार जैन। चिकित्सक भले ही सरकारी हो, लेकिन ड्यूटी घर में लगा रखे स्वयं के अस्पताल में देता है। घर पर ही लेब लगा रखी है, जो अवैध रूप से संचालित हो रही है, यहां मेडिकल दुकान भी मिल जाएगी। अंदर की तरफ पलंग लगा भी रखे हैं, जहां मरीजों को उपचार के नाम पर लूटा जाता है और सवेरे से शाम तक मरीजों की जांच करके हजारों रूपए जेब में डालने का कार्य धड़ल्ले से चलता हैं।
ये तो हो गया डाॅक्टर साहब का परिचय, अब डाॅक्टर साहब की कारगुजारी भी आपके सामने रख देते हैं
हमारे पास कई लोगों की शिकायते आ रही थी कि डाॅ. हेमंत कुमार जैन अपने घर में लगी लैब पर कोविड-19 की जांच करता है। मात्र दस से पंद्रह मिनट में बता दिया जाता है कि आप पाॅजिटिव हो या फिर नेगेटिव। इसके लिए 1500 से 3000 रूपए तक लिए जा रहे हैं। मामला गंभीर था क्योंकि कोरोना जांच केवल सरकारी अस्पताल में हो रही है और सवाल यह भी था कि डाॅक्टर हेमंत जैन के पास ऐसी कौनसी मशीन है जिससे वह दस से प्रंदह मिनट में ही रिपोर्ट दे देता है, जबकि कोविड की जांच में तो 6 से 7 घंटें लगते हैं और हां, हमें यह भी बताया गया था कि डाॅक्टर जांच रिपोर्ट लिखित में नहीं देता है, केवल मौखिक बताता है कि आप पाॅजिटिव हो या नेगेटिव। इसके बाद हमने भी इस पूरे मामले की तह तक जाने की सोची और स्टिंग ऑपरेशन करने का मानस बनाया। जब हमने स्टिंग ऑपरेशन किया, जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। कोरोना जैसी महामारी में कोरोना जांच के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसे लूटे जा रहे थे। रोजाना सैंकड़ों लोगों से हजारों रूपए लूटकर डाॅक्टर अपनी जेब भर रहा है।
आइए, बताते हैं आपको हमारा पूरा स्टिंग ऑपरेशन
शिकायत के बाद हमने हमारे एक साथी महेंद्रसिंह को बीमार बताकर डाॅ. हेमंत जैन के पास भेजा। 200 रूपए देकर डाॅक्टर की पर्ची कटवाई। सर्दी जुकाम व खांसी का कहने पर डाॅ. हेमंत जैन ने कुछ दवाई लिखी और कोरोना जांच करवाने को कहा। जब महेंद्रसिंह ने यह कहा कि क्या कोरोना जांच सरकारी अस्पताल में ही होगी ? वहां तो दो चार दिन लग जाएंगे रिपोर्ट आने में? तो डाॅ. हेमंत जैन ने तपाक से बोला, हमारे यहां भी कोरोना जांच करते हैं, हम दस से पंद्रह मिनट में बता देंगे कि तुम कोरोना नेगेटिव हो या पाॅजिटिव। इस पर हमारे साथी महेंद्रसिंह यह कहते हुए बाहर आ गए कि ठीक है, मैं थोड़ी देर में आकर करवाता हूं। जब यह साबित हो गया कि कोरोना जांच के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है तो फिर हमने इसके फर्जीवाड़े का पूरा खुलासा करने के लिए कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया। कुछ समय बाद हमारे साथी महेंद्रसिंह को दोबारा डाॅक्टर हेमंत जैन के घर क्लिनिक में भेजा और अंदर लेब में काम करने वाले एक युवक ने मुंह से स्वाब लिया और एक कीट पर जांच करने लगा। मात्र 10 मिनट में ही उसे बोल दिया गया कि आप नेगेटिव हो, बाद में जब डाॅ. हेमंत जैन को यह कहा गया कि उसे लिखित में रिपोर्ट चाहिए, ताकि वह मुंबई जा रहा है तो उसे वहां दोबारा रिपोर्ट नहीं करवानी पड़ेगी। इस पर बाकायदा ओम षांति गुरूदेव लेबोरेट्री के लेटर पेड पर कोविड-19 नेगेटेव प्रिंट निकालकर दे दिया गया। इसके अलावा डाॅ. हेमंत जैन ने पर्ची पर भी नेगेटेव लिखकर थमा दी। कोविड-19 की इस जांच के लिए उसने हमारे साथी से 1500 रूपए लिए। यह लिखित रिपोर्ट देखकर हमारे खुद के होश फाख्ता हो गए कि कैसे यह डाॅ. हेमंत कुमार जैन कोविड जांच के नाम पर लोगों को लूट रहा है।
शिकायत के बाद हमने हमारे एक साथी महेंद्रसिंह को बीमार बताकर डाॅ. हेमंत जैन के पास भेजा। 200 रूपए देकर डाॅक्टर की पर्ची कटवाई। सर्दी जुकाम व खांसी का कहने पर डाॅ. हेमंत जैन ने कुछ दवाई लिखी और कोरोना जांच करवाने को कहा। जब महेंद्रसिंह ने यह कहा कि क्या कोरोना जांच सरकारी अस्पताल में ही होगी ? वहां तो दो चार दिन लग जाएंगे रिपोर्ट आने में? तो डाॅ. हेमंत जैन ने तपाक से बोला, हमारे यहां भी कोरोना जांच करते हैं, हम दस से पंद्रह मिनट में बता देंगे कि तुम कोरोना नेगेटिव हो या पाॅजिटिव। इस पर हमारे साथी महेंद्रसिंह यह कहते हुए बाहर आ गए कि ठीक है, मैं थोड़ी देर में आकर करवाता हूं। जब यह साबित हो गया कि कोरोना जांच के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है तो फिर हमने इसके फर्जीवाड़े का पूरा खुलासा करने के लिए कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया। कुछ समय बाद हमारे साथी महेंद्रसिंह को दोबारा डाॅक्टर हेमंत जैन के घर क्लिनिक में भेजा और अंदर लेब में काम करने वाले एक युवक ने मुंह से स्वाब लिया और एक कीट पर जांच करने लगा। मात्र 10 मिनट में ही उसे बोल दिया गया कि आप नेगेटिव हो, बाद में जब डाॅ. हेमंत जैन को यह कहा गया कि उसे लिखित में रिपोर्ट चाहिए, ताकि वह मुंबई जा रहा है तो उसे वहां दोबारा रिपोर्ट नहीं करवानी पड़ेगी। इस पर बाकायदा ओम षांति गुरूदेव लेबोरेट्री के लेटर पेड पर कोविड-19 नेगेटेव प्रिंट निकालकर दे दिया गया। इसके अलावा डाॅ. हेमंत जैन ने पर्ची पर भी नेगेटेव लिखकर थमा दी। कोविड-19 की इस जांच के लिए उसने हमारे साथी से 1500 रूपए लिए। यह लिखित रिपोर्ट देखकर हमारे खुद के होश फाख्ता हो गए कि कैसे यह डाॅ. हेमंत कुमार जैन कोविड जांच के नाम पर लोगों को लूट रहा है।
गुप्त कैमरे के सामने सारा कबूला
डा. हेमंत कुमार जैन की ओर से महेंद्रसिंह को कोविड-19 जांच नेगेटिव देने के बाद मैंने जाकर इस मामले में उससे बात की। इस दौरान डाॅ. हेमंत कुमार जैन को यह नहीं पता था कि उसकी बातचीत एक हिडन कैमरे से रिकाॅर्ड हो रही है। इस पर जब हमने उससे सवाल किए तो उसने सारा सच उगल दिया। यहां तक बोला कि यह जांच कीट जोधपुर से आते हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये कीट सरकारी अस्पताल के हैं। डाॅ. ने कबूला कि यह जांच लिगल नहीं है। ये तो बस मरीज के ईलाज के लिए करवाई है। खुद डा. ने कहा कि सरकार ने इस एंटीजन कार्ड टेस्ट को बैन कर रखा है। तो फिर सवाल यह उठता है कि डाॅ. हेमंत कुमार जैन लोगों को कोविड 19 की जांच के नाम पर ये एंटीजन कार्ड टेस्ट करके क्यों लूट रहा है? जब सरकार ने ही एंटीजन कार्ड को बेन कर रखा है तो फिर वह डाॅ. कैसे इस टेस्ट को कर सकता है।
लेब का रजिस्ट्रेशन ही नहीं, फिर भी संचालित हो रही
डाॅ. हेमंत कुमार जैन के घर में संचालित ओम षांति गुरूदेव लेबोरेट्री का रजिस्ट्रेशन ही नहीं है फिर भी यह धड़ल्ले से संचालित हो रही है, कोविड-19 के एंटीजन टेस्ट तक इस लेब में किए जा रहे हैं। डाॅ. हेमंत जैन ने बाद में कैमरे के सामने सारा ठीकरा लेब पर फोड़ दिया, बोला लेब वाला जाने, जबकि हकीकत यह है कि यह लेब भी डाॅ. हेमंत जैन की है, लेकिन उसने कैमरे के सामने इंकार कर दिया। कहने लगा कि लेब वाला जो रिपोर्ट देगा उसके आधार पर मैं इलाज करूंगा। कुल मिलाकर जालोर जिला मुख्यालय पर कोरोना जैसी महामारी को भी अवसर बनाकर यह सरकारी डाॅ. हेमंत कुमार जैन लूट मचाए हुए हैं।
सीएमएचओ को बताया, कोई एक्शन नहीं लिया
कहते हैं कि जब अधिकारी ही लापरवाह और शह देने वाला हो तो नीचे के कार्मिक कैसे ढंग से काम कर लेते हैं। यही हाल जालोर जिले का है। सीएमएचओ डाॅ. गजेंद्रसिंह देवल को हमने सारी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने इस मामले को पूरा ही हल्के में लिया। ड्यूटी के समय ये महाशय तो घर पर आराम फरमा रहे थे। दो दिन तक इनसे इस मामले की जानकारी लेने की कोशिश करते रहे, लेकिन सीएमएचओ साहब के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।
डाॅ. हेमंत कुमार जैन का कहना, सब सेट है, कुछ नहीं होगा
कोविड 19 जांच के नाम पर इतने बड़े फर्जीवाड़े का हमने स्टिंग किया और जब उसका वर्जन लेने डाॅक्टर हेमंत कुमार जैन के घर गए तो वह बेखौफ नजर आया। उसने यहां तक बोला कि सब सेट है, कुछ नहीं होगा। बड़ा सवाल तो यह है कि यह सरकारी डाॅक्टर कोरोना जांच के नाम पर ना जाने कब से लोगों को लूटा जा रहा था? चिकित्सा विभाग के अधिकारी जानकार अनजान बने हुए हैं और कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, जबकि ऐसे डॉक्टर गरीब जनता के साथ लूट कर रहे हैं।
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