India @ पीएम का राष्ट्र के नाम संबोधन: PM मोदी ने प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ नए कृषि कानून को वापस लेने का किया ऐलान, गहलोत ने बताया मोदी सरकार के अहंकार की हार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ किसानों के लिए बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात किसानों का समझा नहीं पाए।

PM मोदी ने प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ नए कृषि कानून को वापस लेने का किया ऐलान, गहलोत ने बताया मोदी सरकार के अहंकार की हार

नई​ दिल्ली, एजेंसी। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज देश के नाम संबोधन में प्रकाश पर्व की शुभकामनाओं के साथ किसानों के लिए बनाए गए तीनों कृषि कानूनों (Agricultural Laws) को वापस लेने का ऐलान कर दिया। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात किसानों का समझा नहीं पाए। हमने विनम्रता के साथ किसानों को समझाने का प्रयास किया, किसानों से बातचीत भी की, लेकिन किसान नहीं माने। ऐसे में सरकार ने तीनों कृषि कानून को बदलने का फैसला कर लिया। पीएम के इस फैसले के बाद जहां सोशल मीडिया पर भाजपा नेता एक के बाद एक ​ट्वीट कर रहे है, वहीं कांग्रेसी नेता इसे लोकतंत्र में किसानों की जीत बताते हुए ट्वीट कर रहे है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा लोकतंत्र की जीत एवं मोदी सरकार के अहंकार की हार है। यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है। देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।


संसद के सत्र में करेंगे संवैधानिक प्र​क्रिया पूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है। यह समय किसी को दोष देने का नहीं है। आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। मोदी ने कहा कि इसी महीने हम इसे वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर देंगे। इस माह के अंत में संसद सत्र शुरू होगा, इसमें हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।
मोदी का 18 मिनट का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह 9 बजे देश के नाम संबोधन को शुरू किया। इस बार 18 मिनट के भाषण में मोदी ने किसानों के साथ कृषि पर ही चर्चा की। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने तीनों नए कृषि कानूनों को 17 सितंबर 2020 को लोकसभा ने मंजूर किया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने तीनों कानूनों के प्रस्ताव पर 10 दिन बाद 27 सिंतबर को हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद विभिन्न किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया था। किसानों ने दिल्ली और दिल्ली की सीमा पर आंदोलन किया।


किसान कल्याण को सर्वोच्य प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत ही करीब से देखा है। देश ने 2014 में मुझे प्रधानमंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका दिया था तब हमने सबसे पहले किसान कल्याण को प्राथमिकता दी। देश में 100 में से 80 किसान छोटे किसान है, जिनके पास 2 हैक्टेयर से भी कम जमीन है। देशभर में ऐसे किसानों की संख्या 10 करोड़ से भी ज्यादा है। इनका जीवन यापन कृषि ही है। इस लिए बाजार, बीमा, बीज, बचत पर सरकार ने काम किया। किसानों को बीमा, पेंशन की सुविधा भी दी। किसानों के खातों में सीधे एक लाख 62 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। देश की मंडियों को ई नाम योजना से जोड़कर किसानों को बेहतर प्लेटफार्म उपलब्ध कराया। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020,  कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को लागू किया था।

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