India @ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo: भारत में बहु भाषा माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू का #KookiyaKya विज्ञापन अभियान शुरू
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू लोगों को अपनी मातृभाषा में स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है। लोगों की इसी अभिव्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए अपना पहला टेलीविजन अभियान शुरू किया है।
नई दिल्ली, एजेंसी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू (Koo) लोगों को अपनी मातृभाषा में स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है। लोगों की इसी अभिव्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए अपना पहला टेलीविजन अभियान शुरू किया है। अभियान यूजर्स की स्व अभिव्यक्ति के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाने के साथ अपनी पसंद की भाषा में अपने समुदायों से जुड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। क्रिकेट का T-20 विश्व कप की शुरू होने के दौरान शुरू किया गया यह अभियान ओगिल्वी इंडिया(Ogilvy India) द्वारा परिकल्पित शॉर्ट-फॉर्मेट की 20 सेकंड के विज्ञापनों की एक श्रृंखला है। इसके टैग लाइन #Kookiyakya के इर्द-गिर्द अपनी विचित्रता, विवेकपूर्ण और हास्य के माध्यम से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। इतना ही नहीं, कू पर अपने दैनिक जीवन के बारे में बताते हुए दिलचस्प दृश्य, हल्के-फुल्के मज़ाक में लिप्त होकर और आकर्षक शब्दकोष के द्वारा अपने दिल की सीधी बात आनलाइन व्यक्त किया जा सकता है। विज्ञापन एक एकीकृत संदेश के इर्द-गिर्द बुने जाते हैं। इस अभियान के तहत कू किया क्या के माध्यम से यूजर्स अब दिल में जो भी हो, कू (Koo) पे कहो को अपना सकता है। कू का यह अभियान इंटरनेट यूज़र्स के दिमाग को डिकोड करने के साथ उनकी मूल भाषा में कंटेन्ट को डिजिटल रूप से साझा करेगा। इसके साथ ही उनकी इच्छा को समझने के लिए गहन शोध और बाजार मानचित्रण का अनुसरण करता है। यह विज्ञापन प्रमुख खेल चैनलों पर लाइव किए जाते है और टी—20 मैच के दौरान चलाए जा रहे है।
अपने मंच पर अपनी भाषा में विचार साझा करने का प्लेटफॉर्म
कू (Koo) एप के सह-संस्थापक और CEO प्रेमेय राधाकृष्ण ने कहा कि "कू (Koo) भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग की दुनिया में एक खोज है। इस मंच पर यूजर्स अपनी पसंद की भाषा में विचार साझा करने के लिए विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को एक साथ लाते हैं। कू (Koo) का यह अभियान एक दिलचस्प अंतर्दृष्टि के इर्द-गिर्द तैयार किया गया है। आपकी मातृभाषा में व्यक्त करने की आवश्यकता को दर्शाता है। कू (Koo) को एक समावेशी मंच के रूप में स्व-अभिव्यक्ति के लिए एक मंच के रूप में स्थान देता है जो उन लोगों को आवाज़ देता है जिन्होंने पहले कभी भाषा-आधारित सोशल मीडिया(Social Media) का अनुभव नहीं किया है। उन्होंने बताया कि हमें विश्वास है कि यह अभियान हमारे ब्रांड रिकॉल को बढ़ाएगा, अपनाने में तेजी लाएगा और हमारे प्लेटफॉर्म को लोगों के डिजिटल जीवन का एक अभिन्न पहलू बनाने के लिए कू (Koo) की यात्रा में वास्तव में सार्थक भूमिका निभाएगा।"
हर भारतीय के विचार और राय को आनलाइन करने का माध्यम कू
कू (Koo) के सह-संस्थापक(Co-founder) मयंक बिदावत(mayank bidawat) का ने कहा कि भारत (India) में हर किसी की किसी न किसी बात को लेकर अपनी राय होती है। ये विचार और राय करीबी या सामाजिक मंडलियों तक सीमित हैं और बड़े पैमाने पर ऑफ़लाइन हैं। इन विचारों को लोगों की पसंदीदा भाषा में व्यक्त करने के लिए भारत के एक बड़े हिस्से को ऑनलाइन सार्वजनिक मंच(Online Public Forum) नहीं दिया गया है। यह अभियान इसी के बारे में है प्रत्येक भारतीय को अपनी मातृभाषा में अपने विचार साझा करना शुरू करने के साथ कू (Koo) पर लाखों अन्य लोगों के साथ सार्थक तरीके से जुड़ने का निमंत्रण देता है। कू (Koo) का यह अभियान वास्तविक जीवन की स्थितियों और बातचीत को दर्शाता है। हम बड़े पैमाने पर भारत के साथ भाषा-आधारित विचार साझा करने के अपने मूल प्रस्ताव को लेकर बहुत उत्साहित हैं। ओगिल्वी इंडिया के हमारे भागीदारों ने इस अवधारणा को जीवंत करने का शानदार काम किया है!" कू के चीफ क्रिएटिव आफिसर(Chief Creative Officer) सुकेश नायक ने का कि हमारा विचार जीवन से आया है। जब हम अपने दोस्तों या परिवार से अपनी भाषा में बात करते हैं तो हमें खुद को सबसे अच्छा व्यक्त कर पाते हैं। हमारा इरादा यह सुनिश्चित करना है कि जो कोई भी इन फिल्मों को देखता है तो वह तुरंत अपने जीवन से ऐसी कई घटनाओं के बारे में सोचे और कू (Koo) पर व्यापक दर्शकों के साथ इसे अपनी भाषा में व्यक्त करने में सहज महसूस करे ।"
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