आरटीआई के दायरे में निजी मेडिकल कॉलेज: उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर सूचना आयोग ने लगाया 25हजार रुपए का जुर्माना

राज्य सूचना आयोग ने एक अहम फैसला करते हुए राजस्थान के एक निजी मेडिकल कॉलेज को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में माना है। सूचना आयोग ने RTI में सूचना नहीं देने पर उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।

उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर सूचना आयोग ने लगाया 25हजार रुपए का जुर्माना

जयपुर।
राज्य सूचना आयोग ने एक अहम फैसला करते हुए राजस्थान के एक निजी मेडिकल कॉलेज को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में माना है। सूचना आयोग ने RTI में सूचना नहीं देने पर उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। किसी निजी मेडिकल कॉलेज को RTI के दायरे में लेकर जुर्माना लगाने का प्रदेश में यह पहला मामला है। 
जानकारी के मुताबिक राजसमंद के एक व्यक्ति ने अपील दायर कर कहा कि उदयपुर की गीतांजलि मेडिकल कॉलेज ने उसके आरटीआई आवेदन को कोई महत्व नहीं दिया। इस पर आयोग ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से जवाब-तलब किया। जवाब न देने का कारण पूछा? लेकिन कॉलेज ने उसे भी अनदेखा किया। आयोग ने तीन बार मेडिकल कॉलेज को नोटिस भेजा और चेतावनी दी। मगर कॉलेज ने कोई जवाब नहीं दिया।

इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने कहा कि गीतांजलि मेडिकल कॉलेज को सरकार ने रियायती दर पर जमीन आवंटित की है। राज्य की विधानसभा द्वारा पारित कानून के तहत कॉलेज की स्थापना हुई है। ऐसे में कॉलेज RTI के दायरे में आता है। कॉलेज से सूचना मांग रहे आवेदक ने कॉलेज को रियायती दर पर जमीन आवंटित होने और विधानसभा से कानून पारित होने के दस्तावेज भी आयोग के सामने पेश किए। सुनवाई के दौरान इसी तरह के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया।
जुर्माने के साथ सूचना देने के निर्देश
आवेदक ने 7 अगस्त-2019 को आरटीआई एक्ट के तहत आवेदन देकर अपने एक परिजन के दाखिले की अर्जी पर कार्यवाही की जानकारी मांगी थी। लेकिन कॉलेज ने उसे कोई तवज्जो नहीं दी। सूचना आयुक्त बारेठ ने इसे गंभीरता से लिया और कॉलेज प्रिंसिपल पर 25 हजार का जुर्माना लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही सूचना आयोग ने गीतांजलि मेडिकल कॉलेज को निर्देश दिया कि वो तय समय में आवेदक को सूचना उपलब्ध करवाए। सूचना आयोग का यह फैसला अब एक नजीर बनेगा और आगे इसके आधार पर कई फैसले होंगे।
सरकार से रियायती दर पर जमीन लेने वाले संस्थान होंगे दायरे में
सूचना आयोग के इस फैसले ने सरकार से रियायती दर पर जमीन लेने वाले सभी संस्थानों से RTI के तहत सूचना लेने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले को नजीर बना रियायत लेने वाले हर संस्थान को आरटीआई के दायरे में लाया जा सकता है। इससे सरकारी निजी भागीदारी वाले कई प्राेजेक्ट्स से भी सूचना ली जा सकेगी। सरकार से रियायती दरों पर जमीन लेने वाले निजी स्कूल, कॉलेज, ट्रस्ट और अन्य संस्थानों को भी अब आरटीआई में सूचना देनी होगी।

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