क्षत्रिय जाति का गगन में बने चंद्रमा: श्री क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती वर्ष में मनाया सम्राट विक्रमादित्य स्मृति समारोह

एक ऐसा शासक जिस के क्रम में अरब का लेखक यह कहे की विक्रमादित्य के शासन में शासित होने का हमें सौभाग्य मिला, इसलिए मैं गौरवान्वित हूं। वास्तव में ऐसे निराले लोग जो जाती के गगन में चंद्र बनकर पूरे जगत को चांदनी देने का कार्य करते हैं ऐसा ही काम वीर विक्रमादित्य ने किया था।

श्री क्षत्रिय युवक संघ के हीरक जयंती वर्ष में मनाया सम्राट विक्रमादित्य स्मृति समारोह

रामसिन, जालोर।
एक ऐसा शासक जिस के क्रम में अरब का लेखक यह कहे की विक्रमादित्य के शासन में शासित होने का हमें सौभाग्य मिला, इसलिए मैं गौरवान्वित हूं। वास्तव में ऐसे निराले लोग जो जाती के गगन में चंद्र बनकर पूरे जगत को चांदनी देने का कार्य करते हैं ऐसा ही काम वीर विक्रमादित्य ने किया था। यह कहना है रेवंत सिंह पाटोदा का। श्री क्षत्रिय युवक संघ के केंद्रीय कार्यकारी रेवंत सिंह पाटोदा ने मंगलवार को रामसीन में आयोजित विक्रमादित्य स्मृति समारोह में जन समुह को संबोधित किया।


उन्होंने कहा कि युधिष्ठिर जैसे सुशासन के बाद वीर विक्रमादित्य ने वैसा ही अपना शासन किया। उसी विराटता को लेकर उसकी यादगार में विक्रम संवत को प्रारंभ किया गया। क्षत्रिय जाति और राजपूत समाज को गौरवान्वित होना चाहिए ​कि वह रत्न गर्भा कुल में ऐसे अनेकों चंद्र बने। इस जाति के फुलवारी में अनेकों पुष्प हुए जो हमारे पास धाती के रूप में है। लेकिन इस धरोहर के बदले कीमत भी चुकानी पड़ती है। हम स्वयं का अंतर अवलोकन करें कि हम उस कीमत को किस प्रकार से चुका रहे हैं। वीर विक्रमादित्य को याद करते हुए आज हम ऐसा संकल्प लें कि हम हमारे इतिहास को कभी नहीं भूलाएंगे और उसकी कीमत चुकाने के लिए स्वयं से स्वयं का लड़ना प्रारंभ करते हुए हम अपना आत्म अवलोकन करेंगे।

कार्यक्रम को गंगासिंह परमार रामसीन पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और बाघसिंह पुनग पंचायत समिति सदस्य, भेरूपाल सिंह कोलर ने भी उपस्थित सभा को संबोधित किया। भीनमाल प्रांत प्रमुख नाहरसिंह जखड़ी ने बताया कि मां भगवती की प्रार्थना से प्रारंभ हुए स्मृति समारोह में राजेंद्रसिंह आकोली ने वीर विक्रमादित्य का परिचय प्रस्तुत किया। वहीं जालोर संभाग प्रमुख अर्जुनसिंह देलदरी ने श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा हीरक जयंती वर्ष के दौरान होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में सुरेंद्रसिंह परमार, शेरसिंह चंदुर, जितेंद्रसिंह, अमरसिंह, मालमसिंह, पूर्णसिंह, अर्जुनसिंह, डूंगरसिंह, पदमसिंह।  नाथुसिंह पुनक, ईश्वर सिंह कोलर, दौलतसिंह, विक्रम सिंह पुनक, खुर्द  इंद्रसिंह सुजानसिंह, जबरसिंह राजेन्द्र सिंह मांडोली महेंद्र सिंह सहित परमार कुल के गांवों से सैकड़ों की संख्या में राजपूत समाज के युवा और क्षत्रिय युवक संघ के स्वयंसेवक उपस्थित रहे। 
कोरोना गाइडलाइन की हुई पालना


वीर विक्रमादित्य स्मृति समारोह में सरकारी गाइडलाइन का पूर्ण रुप से पालन किया गया। बैठक के लिए सोशल डिस्टेंस रखते हुए कुर्सियां लगाई गई। मुख्य द्वार पर सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था करते हुए सभी को प्रवेश दिया गया। कार्यक्रम में जलपान की व्यवस्था भी डिस्टेंस और डिस्पोजल के साथ की गई। राजपूत समाज के उपस्थित जन समुदाय के लिए इस कोरोना जैसी महामारी की विपरीत परिस्थिति में गाइडलाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम बड़ा ही रोचक रहा।

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