बंगाल हिंसाः- भाजपा का विरोध प्रदर्शन: टीएमसी पर खून की राजनीति करने का आरोप, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

 पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद लगातार बढ़ रही हिंसा और पिछले तीन दिनों में 15 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या, लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़, बलात्कार आदि घटनाओं के खिलाफ भाजपा ने देषव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।

टीएमसी पर खून की राजनीति करने का आरोप, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग

सिरोही।
 पश्चिम बंगाल में चुनाव नतीजों के बाद लगातार बढ़ रही हिंसा और पिछले तीन दिनों में 15 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या, लूटपाट, आगजनी, तोड़फोड़, बलात्कार आदि घटनाओं के खिलाफ भाजपा ने देषव्यापी विरोध प्रदर्षन किया। प्रदेश व्यापी भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नगर मंडल सिरोही के कार्यकर्ताओं ने इसे प्रायोजित हिंसा बताते हुए इसके लिए टीएमसी व ममता बनर्जी को जिम्मेदार बताया। इसके साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों के तैनाती की मांग के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। बुधवार को सिरोही कलेक्ट्रेट पर भाजपा नगर मंडल सिरोही के तत्वावधान में पश्चिम बंगाल में अराजकता के खिलाफ हाथों पर काली पट्टी बांधकर कड़ा प्रतिकार किया और वहां की घटनाओं को निंदनीय बताते हुए इसे बंगाल में लोकतंत्र व सामाजिक मूल्यों का गला घोटना करार दिया। इस मौके पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नगर अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत मंडल स्तर पर हम लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल की घटनाओं का विरोध करते हैं और सीमित संख्या में कार्यकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन दिया है। खंडेलवाल ने कहा कि चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत के बाद से पूरा देश जिस प्रकार का मंजर बंगाल में देख रहा है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की शह पर प्रशासन द्वारा प्रायोजित तरीके से उनके संरक्षण में आज पश्चिम बंगाल को हिंसा की आग में झोंक दिया गया है। 
टीएमसी कर रही है खून की राजनीति


पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी ने टीएमसी पर रक्तरंजित राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बंगाल में राष्ट्रवादी भाजपा कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारने तथा महिला कार्यकर्ताओं के साथ रेप की घटना को अंजाम देने को निंदनीय बताते हुए टीएमसी पर खून की राजनीति करने का आरोप लगाया। मन की बात के जिला संयोजक मांगूसिंह बावली ने इस मौके पर केंद्र सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की। अतिरिक्त जिला कलेक्टर गितेश मालवीय के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम दिए गए ज्ञापन में लिखा गया कि हम राजनीतिक हिंसा के सख्त खिलाफ है और इसका पुरजोर विरोध करते हैं। लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले 3 दिनों में करीब 700 स्थानों पर टीएमसी के गुंडों ने हमले व हिंसा कर दहशत का वातावरण बना दिया है और इनमें अब तक करीब 15 भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई तथा सैकड़ों कार्यकर्ताओं को मार मारकर लहूलुहान किया है उनकी संपत्ति लूट ली गई है। तोड़फोड़ करके व्यापक नुकसान पहुंचाया गया है। इन परिस्थितियों में तत्काल प्रभाव से केंद्र को हस्तक्षेप करके केंद्रीय सुरक्षा बल के माध्यम से आमजन एवं भाजपा कार्यकर्ताओं को सुरक्षा दी जानी चाहिए और बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। इस मौके पर एडवोकेट अशोक पुरोहित, पार्षद प्रवीण राठौड़, गोपाल माली, गोविंद माली, बाबूसिंह मकरोड़ा, इंदरसिंह मकवाना, एडवोकेट दिलीप हीरागर, दीपक हीरागर समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

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