भारत: लोन ऐप के जरिए लोगों को ठगने वाला हाईटेक जालसाज गिरफ्तार
डीसीपी रोहिणी प्रणब तायल ने कहा कि कृष्णा ने यादव के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसने पीड़ित का विवरण यानी आईडी, बैंक पासबुक, ई-मेल आईडी हासिल की।
डीसीपी रोहिणी प्रणब तायल ने कहा कि कृष्णा ने यादव के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसने पीड़ित का विवरण यानी आईडी, बैंक पासबुक, ई-मेल आईडी हासिल की।
कृष्णा ने शिकायत में उल्लेख किया कि वह विभिन्न व्हाट्सएप समूहों में शामिल हो गया था और उन समूहों में से एक में उसने कम ब्याज दरों पर ऋण के संबंध में एक पोस्ट देखा था।
अधिकारी ने कहा, शिकायतकर्ता ने पोस्ट में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया और ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया के लिए कहा। आरोपी ने शिकायतकर्ता से विवरण प्रदान करने के लिए कहा। बाद में, आरोपी ने एक ऋण ऐप डाउनलोड करने के लिए एक लिंक भेजा।
ऐप को कृष्णा ने डाउनलोड किया और फिर उसने आरोपी को ओटीपी प्रदान किया।
ऐप ने वॉलेट में 5000 रुपये दिखाए, लेकिन बाद में उसकी जानकारी के बिना दो लेनदेन में वापस ले लिया। शिकायत और प्रारंभिक जांच के आधार पर थाना साइबर रोहिणी में आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
साइबर थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर अजय दलाल की निगरानी में अपराधी को पकड़ने के लिए टीम गठित की गई है।
जांच के दौरान तकनीकी विश्लेषण, मनी ट्रेल और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर पता चला कि कथित जालसाज द्वारका का रहने वाला है। इसके बाद संदिग्ध के बारे में स्थानीय खुफिया जानकारी जुटाई गई।
अधिकारी ने कहा, तदनुसार, एक छापेमारी की गई और यादव को तकनीकी निगरानी की मदद से गिरफ्तार किया गया। उसने खुलासा किया कि वह अपने एक सहयोगी के साथ ऑनलाइन ऐप के माध्यम से ऋण प्रदान करने के बहाने धोखाधड़ी के पैसे का लेनदेन करता था।
उसके पास से 11 मोबाइल फोन, एक क्रेडिट, एक डेबिट कार्ड, तीन पीसी और आठ सिम कार्ड बरामद किए गए।
यादव ने कहा कि वह इंडियाबुल्स ढाणी में काम करता था जो ऋण प्रदान करता है और उसने ऑनलाइन ऐप के माध्यम से ऋण के बारे में सीखा। वहां उसकी उस ब्रांच में कॉल करने वाली लड़की से दोस्ती हो गई। दोनों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को कम ब्याज दरों पर रिंग ऐप के जरिए कर्ज देने का लालच देना शुरू कर दिया।
वे धोखाधड़ी का लेनदेन करते थे। बाद में आरोपी के यूपीआई खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए गए और बाद में आरोपी ने आसपास के इलाकों में उपलब्ध सीएससी केंद्रों से इसे भुना लिया।
--आईएएनएस
एचके/एएनएम
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