मनोरंजन: जय भीम के चलते मैं यहां तक पहुंचा हूं : पा रंजीत


अपनी आने वाली फिल्म नचतिराम नगरगीरधु के ऑडियो लॉन्च इवेंट में भाग लेते हुए, रंजीत ने कहा, जय भीम वो शब्द हैं जिसने मुझे यहां तक पहुंचाया। अट्टाकथी (उनकी पहली फिल्म) से शुरू हुआ सफर अब नचतिराम नगरगीरथू तक आ गया है।
रंजीत ने इस तारीफ को भी तवज्जो नहीं दिया कि उन्होंने फिल्म उद्योग में कई लोगों को अवसर देकर आगे बढ़ने में मदद की है।
उन्होंने कहा, मैंने किसी को आगे नहीं बढ़ाया है। वे कुशल लोग हैं और मैंने उनका उपयोग किया है, बस। मुझे खुशी है कि मैंने उनके साथ काम किया।
तीन निर्देशकों और दो निर्माताओं की प्रशंसा करते हुए, रंजीत ने कहा कि वह चाहते हैं कि वे फिल्म के ऑडियो लॉन्च कार्यक्रम में मौजूद रहें।
मैंने जो सीखा है वो वेंकट प्रभु से है। उनकी फिल्म चेन्नई 600028 वह फिल्म थी जिसने मेरे जीवन को गढ़ा। इसने मुझे सिखाया कि मैं जो सोच सकता हूं (एक फिल्म में) उसे बना सकता हूं।
रंजीत ने निर्माता कलाईपुली एस थानु और ज्ञानवेल राजा की भी तारीफ की।
रंजीत ने कहा, थानू सर ने कबाली का निर्देशन करते समय मुझे बहुत आजादी दी। उन्हें क्लाइमेक्स पसंद नहीं आया लेकिन मेरी खातिर सहमत हो गए। अगर ज्ञानवेल राजा सर ने मेरी पहली फिल्म अट्टाकथी रिलीज नहीं की होती, तो मैं आज यहां नहीं होता। मेरा मानना है कि वे मेरे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं।
--आईएएनएस
पीजेएस/एसकेपी
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