भारत: उत्तराखंड में गर्जिया माता मंदिर की तिरपाल लपेट कर हो रही सुरक्षा
हल्द्वानी / रामनगर, 22 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड में कुमाऊं मंडल के रामनगर स्थित आस्था का केंद्र गर्जिया माता मंदिर खतरे की जद में है। गर्जिया मंदिर के टीले में दरार आ गई थी जिसके बाद इसके अस्तित्व को बचाने के लिए पिछले डेढ़ साल से कवायद चल
![उत्तराखंड में गर्जिया माता मंदिर की तिरपाल लपेट कर हो रही सुरक्षा](https://firstbharat.in/uploads/images/2022/08/image_750x_63033e9cbf192.jpg)
![Garjiya Mata temple is being protected by wrapping tarpaulin, last year there was a crack in the mound.](https://www.iansphoto.in/web/photoimages_new/400/2022/08/22/4193346559c70b6222b7f0ae29031c7d.jpg)
मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग संजय शुक्ला ने बताया कि फरवरी 2021 में आई भारी बरसात के चलते गर्जिया मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं। इसके अलावा मंदिर का टीला अब धीरे धीरे बरसात में कट रहा है, जिससे मंदिर को खतरा बना हुआ है। ऐसे में इस बार बरसात मंदिर को किसी तरह का कोई नुकसान ना पहुंचे, इसके लिए सिंचाई विभाग ने तिरपाल से मंदिर के टीले को ढकने का काम किया है।
मुख्य अभियंता ने बताया कि उन्होंने मंदिर का निरीक्षण किया था। मुख्य अभियंता ने बताया कि मंदिर के टीले के बचाव के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया था। तकनीकी दिक्कत के चलते प्रस्ताव को फिर से संशोधित करने के निर्देश दिए गए हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए नए सिरे से फिर से डीपीआर तैयार की जा रही है। डीपीआर के बाद नई तकनीकी के माध्यम से मंदिर के टीले को बचाने का काम किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि आईआईटी रुड़की की टीम ने मार्च 2021 में गर्जिया मंदिर का सर्वे किया था। टीम ने मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। लेकिन यह प्रस्ताव अभी तक मंजूर नहीं हो पाया है। ऐसे में सिंचाई विभाग अब एक बार फिर से मंदिर की सुरक्षा के लिए नए सिरे से डीपीआर तैयार कर रहा है, जिससे कि मंदिर को बचाया जा सके।
--आईएएनएस
स्मिता/एसकेपी
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