राजनीति: इमरान खान को कहा गया सैन्य प्रतिष्ठान से टकराव बंद करें
इस्लामाबाद, 25 अगस्त (आईएएनएस)। पाकिस्तान में पंजाब के मुख्यमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की ओर से कोशिश की जा रही है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेना के खिलाफ तल्खी कम हो। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जानकार सूत्रों ने बताया कि पीटीआई की ओर से इस मामले में कोशिश करने वाले व्यक्ति पूर्व मंत्री फैसल वावड़ा हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक भी इसको लेकर प्रयास कर रहे हैं।पंजाब में पीटीआई के गठबंधन सहयोगी पीएमएल-क्यू से प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज इलाही और उनके बेटे मूनिस भी खान को शांत करने का दबाव बना रहे हैं।पीटीआई अध्यक्ष को सलाह दी जा रही है कि सेना के साथ टकराव से पार्टी या उन्हें कोई फायदा नहीं होगा।द न्यूज ने बताया कि उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि यह पीटीआई के साथ-साथ सेना और देश के लिए भी हानिकारक होगा।इन सूत्रों से संकेत मिल रहा है कि इन प्रयासों से खान के मन में सैन्य प्रतिष्ठान को लेकर नरमी आ सकती है और आने वाले दिनों में ऐसा बदलाव देखा जा सकता है।द न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि दिलचस्प बात यह है कि पीटीआई नेतृत्व में कई ऐसे हैं, जो सेना के प्रति खान की आक्रामकता से नाखुश हैं, लेकिन कुछ ही लोग इस पर बात करने की हिम्मत रखते हैं।सूत्रों ने कहा कि हाल ही में, एक उच्च स्तरीय पार्टी बैठक में, वावड़ा ने खान को चेतावनी दी थी कि उनके आसपास के कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें अयोग्य घोषित करने और उनके संभावित प्रीमियर का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आस्तीन के सांप की भूमिका निभा रहे हैं।--आईएएनएसएसकेके/एसकेपी
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जानकार सूत्रों ने बताया कि पीटीआई की ओर से इस मामले में कोशिश करने वाले व्यक्ति पूर्व मंत्री फैसल वावड़ा हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक भी इसको लेकर प्रयास कर रहे हैं।
पंजाब में पीटीआई के गठबंधन सहयोगी पीएमएल-क्यू से प्रांत के मुख्यमंत्री परवेज इलाही और उनके बेटे मूनिस भी खान को शांत करने का दबाव बना रहे हैं।
पीटीआई अध्यक्ष को सलाह दी जा रही है कि सेना के साथ टकराव से पार्टी या उन्हें कोई फायदा नहीं होगा।
द न्यूज ने बताया कि उन्हें चेतावनी दी जा रही है कि यह पीटीआई के साथ-साथ सेना और देश के लिए भी हानिकारक होगा।
इन सूत्रों से संकेत मिल रहा है कि इन प्रयासों से खान के मन में सैन्य प्रतिष्ठान को लेकर नरमी आ सकती है और आने वाले दिनों में ऐसा बदलाव देखा जा सकता है।
द न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कहा कि दिलचस्प बात यह है कि पीटीआई नेतृत्व में कई ऐसे हैं, जो सेना के प्रति खान की आक्रामकता से नाखुश हैं, लेकिन कुछ ही लोग इस पर बात करने की हिम्मत रखते हैं।
सूत्रों ने कहा कि हाल ही में, एक उच्च स्तरीय पार्टी बैठक में, वावड़ा ने खान को चेतावनी दी थी कि उनके आसपास के कुछ वरिष्ठ नेता उन्हें अयोग्य घोषित करने और उनके संभावित प्रीमियर का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आस्तीन के सांप की भूमिका निभा रहे हैं।
एसकेके/एसकेपी
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