इकोनॉमी: भारतीय गेमिंग समुदाय ने ऑनलाइन गेम के जरिए लापता लड़की को ढूंढने के लिए दिल्ली पुलिस को सराहा

भारतीय गेमिंग समुदाय ने ऑनलाइन गेम के जरिए लापता लड़की को ढूंढने के लिए दिल्ली पुलिस को सराहा
नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस द्वारा एक गेमिंग ऐप के जरिए लापता लड़की का पता लगाकर मामले को सुलझाने के बाद, भारतीय गेमिंग समुदाय ने पुलिस की जमकर सराहना की है।

हजारों भारतीय खिलाड़ियों और ऑनलाइन गेमर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ईस्पोर्ट्स प्लेयर्स वेलफेयर एसोसिएशन (ईपीडब्ल्यूए) की निदेशक शिवानी झा ने कहा, ब्रावो, दिल्ली पुलिस! लड़की के लापता होने के 48 घंटे से भी कम समय में मामले को सुलझाने के लिए भारतीय गेमिंग समुदाय आपको सलाम करता है। एक ऑनलाइन गेम ने मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, यह इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि कैसे सामाजिक भलाई के लिए गेम्स का उपयोग किया जा सकता है।

16 वर्षीय लड़की हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी के चाणक्यपुरी इलाके से लापता हो गई थी। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि लड़की ऑनलाइन गेम खेलने के लिए अपने माता-पिता के फोन का इस्तेमाल करती थी और अन्य गेमर्स के संपर्क में थी।

पुलिस ने गेमिंग ऐप का विश्लेषण किया और उसके एक गेमर फ्रेंड से संपर्क किया, जिसने पुलिस को उसके स्थान का पता लगाने में मदद की।

विश्व स्तर पर खेलों का उपयोग सामाजिक कारणों से किया जाता रहा है।

2005 में, संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम ने फूड फोर्स लॉन्च किया था, एक ऐसा खेल जो अपने खिलाड़ियों को इस बात से अवगत कराता है कि भूख क्या है और इससे कैसे लड़ना है।

हाफ द स्काई मूवमेंट दुनिया भर में महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न और उसे दूर करने के लिए उपलब्ध अवसरों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक गेम लेकर आया।

भारत में भी, सामाजिक और सामुदायिक मुद्दों को उजागर करने के लिए खेलों का उपयोग किया गया है।

2019 में शुरू किए गए छोटा भीम स्वच्छ भारत रन गेम का मकसद छोटे बच्चों को अपने आसपास की जगह को साफ रखने की आवश्यकता के बारे में शिक्षित करना था। भारत में महामारी के चरम के दौरान, कई गेमर्स ने मैराथन गेम स्ट्रीमिंग सत्रों में एक साथ मिलकर कोविड राहत के लिए धन जुटाया।

मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) पर इस साल अप्रैल में लॉन्च किया गया मिसिंग गेम एक ऐसा गेम है जो मानव तस्करी के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।

13,000 से अधिक रजिस्टर्ड सदस्यों के साथ, ईपीडब्ल्यूए 24 राज्यों में फैला हुआ है और यह देश भर से ई-खिलाड़ियों के एक समुदाय का निर्माण करना चाहता है जहां वे विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं, संवाद कर सकते हैं, चर्चा कर सकते हैं और सबसे महत्वपूर्ण रूप से भारत में ई-स्पोर्ट्स प्लेयर्स की आवाज बन सकते हैं।

--आईएएनएस

एसकेके/एसकेपी

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