इकोनॉमी: 7 साल में 190 खनिज ब्लॉकों की हुई नीलामी: प्रह्लाद जोशी
भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर दो दिवसीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में, जोशी ने कहा कि केंद्र खनिज अन्वेषण में अधिक निजी उद्यमियों को आकर्षित करने के प्रयास कर रहा है।
नई दिल्ली | कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि खनन कानूनों में संशोधन सहित केंद्र सरकार द्वारा की गई कई नवीन (इनोवेटिव) पहलों के कारण, पिछले सात वर्षों में 190 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है। उन्होंने कहा कि वाणिज्यिक खनन देश में एक बड़ी सफलता रही है।
भारतीय खनिज और धातु उद्योग पर दो दिवसीय सम्मेलन में अपने उद्घाटन भाषण में, जोशी ने कहा कि केंद्र खनिज अन्वेषण में अधिक निजी उद्यमियों को आकर्षित करने के प्रयास कर रहा है।
उन्होंने कहा, ड्रोन और अन्य नवीनतम तकनीकों के उपयोग के माध्यम से खनिज अन्वेषण किया जाएगा और इससे पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जोशी ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी के माध्यम से पिछले वर्ष 25 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है और ओडिशा राज्य राजस्व सृजन में पहले स्थान पर रहा है।
मंत्री ने भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) से नए युग के खनिजों की खोज पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। खनन क्षेत्र में हाल ही में शुरू किए गए कुछ सुधारों का जिक्र करते हुए, जोशी ने कहा कि आरक्षित (कैप्टिव) खदानों से कोयले का उत्पादन पिछले वित्त वर्ष के 8.9 करोड़ टन की तुलना में इस वर्ष 14 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
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मंत्री ने आगे कहा कि इस वित्त वर्ष में कुल कोयला उत्पादन 90 करोड़ टन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि खनिज अन्वेषण को और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी) को एक स्वायत्त निकाय बनाया गया है।
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जोशी ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की अपनी सफल यात्रा को याद करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया की तुलना में हमारा खनिज अन्वेषण कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है।
वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी को एक बड़ी सफलता बताते हुए मंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों से आवंटित कोयला ब्लॉकों में जल्द से जल्द उत्पादन शुरू करने का आग्रह किया, अन्यथा इसे फिर से नीलामी के लिए मंत्रालय को सौंप दिया जा सकता है।
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