सिरोही : भाजपा की राष्ट्रीय सचिव के दौरे के बाद 'साईलेंट मोड' से बाहर आए कार्यकर्ता, उठने लगे विरोध के स्वर
कार्यवाहक अध्यक्ष की कार्यशैली से कार्यकर्ता नाराज, कईयों को नहीं दी गई राष्ट्रीय सचिव के आगमन की जानकारी। पार्टी के पार्षदों, प्रतिपक्ष नेता सहित कई पदाधिकारियों तक को नहीं बुलाया गया।
सिरोही/शिवगंज। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश सह प्रभारी श्रीमती विजया रहाटकर का सिरोही जिले का दो दिवसीय दौरा जिले के भाजपा पदाधिकारियों सहित निष्ठावान कार्यकर्ताओं के लिए एक तरह से संजीवनी बूटी ही साबित होता दिख रहा है। जिला संगठन की ओर से कार्यकर्ताओं की निरंतर की जा रही अनदेखी की वजह से लगभग साईलेंट मोड पर बैठे कार्यकर्ता यकायक एक्टीव हुए है और संगठन के प्रति विरोध के स्वर मुखर होने लगे है। कार्यकर्ताओं को यह अहसास होने लगा है कि राष्ट्रीय सचिव के दौरे के बाद संगठन का रूप बदलेगा और कार्यकर्ताओं को तवज्जों मिलेगी।
गौरतलब है कि भाजपा की राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश सह प्रभारी श्रीमती रहाटकर आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए संगठन की गतिविधियों एवं कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने के लिए सिरोही पहुंची थी। जिले में प्रवेश के समय ही जिस तरह से भाजपा के जिने चुने पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जवाई नदी किनारे उनका स्वागत किया था उससे ही उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि जिले में पार्टी संगठन की स्थिति क्या है। विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय सचिव का पहली बार किसी जिले में दौरा हो और जिले की सीमा पर उनके स्वागत के लिए महज गिनती के कार्यकर्ता स्वागत के लिए पहुंचे। उससे सहज ही यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्यकर्ता किस कदर नाराज है। जहां राष्ट्रीय सचिव के स्वागत में तीन सौ से चार सौ कार्यकर्ताओं का जमावडा होने के साथ ही सडक़ मार्ग पार्टी की झंडियों ने अटा नजर आना चाहिए था वहीं कुछ पदाधिकारियों की ओर से उनके स्वागत की महज औपचारिकता करना पार्टी के भीतर की स्थिति को स्पष्ट परिलक्षित कर रहा था।
आना चाहते थे पर पता ही नहीं था
पार्टी के कई निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने बताया कि केन्द्रीय संगठन के बड़े पदाधिकारियों में से एक पदाधिकारी के सिरोही आगमन और जिले की सीमा पर उनके स्वागत के लिए वे भी पहुंचना चाहते थे, मगर उन्हें तो इसकी जानकारी ही नहीं थी। भाजपा के नगर अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होने के बावजूद जिला संगठन की ओर से एक कार्यकारी अध्यक्ष को कार्यकर्ताओं पर जबरन थोप कर उससे ही सभी प्रकार की गतिविधियों का संचालन करवाने का आलम यह था कि गिने चुने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को ही इसकी जानकारी दी गई। कार्यकर्ता तो क्या पार्टी के चुने हुए पार्षदों, प्रतिपक्ष नेता सहित प्रमुख पदाधिकारियों तक को इसकी सूचना नहीं दी गई। जिसके चलते वे स्वागत कार्यक्रम में नहीं पहुंच सके। कई पदाधिकारियों ने तो बताया कि उन्हें तो इसकी जानकारी सुबह अखबार में खबर पढऩे के बाद ही लगी।
कार्यकर्ताओं ने कहा क्या जरुरत थी कार्यकारी अध्यक्ष की
शहर के कार्यकर्ताओं से बात करने पर पता चलता है कि पार्टी ने नगर मंडल अध्यक्ष पद पर माणक प्रजापत को नियुक्त कर रखा है जो ओबीसी वर्ग से आते है। वे संगठन की ओर से मिलने वाले निर्देशों की अनुपालना में समय समय पर जो भी कार्यक्रम होते थे उनका संचालन करते थे। इस बीच यकायक उनको निष्क्रिय कर दिया जाकर उन्हें पद से हटाए बिना और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा किए बिना ही उनके स्थान पर कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर पार्टी की गतिविधियों का संचालन किया जाने लगा। जिससे पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में रोष गहरा गया।
पार्टी के भीतर उठने लगे विरोध के स्वर
विधानसभा चुनावों की आहट के बीच संगठनात्मक ढांचे में बिखरी बिखरी सी नजर आ रही भाजपा के शीर्षस्थ पदाधिकारियों के लिए पार्टी को एकजूट कैसे किया जाए यह पहेली ही नजर आ रही है। राष्ट्रीय सचिव के दौरे के बाद अब पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता जो अब तक साईलेंट मोड में ही थे, उन्होंने विरोध के स्वर तेज कर दिए है। इसकी बानगी बुधवार को पूर्व पदाधिकारियों की ओर से संगठन की कार्यशैली को लेकर दिए गए ज्ञापन में दिखाई दी। इस ज्ञापन में इन पदाधिकारियों ने संगठन की गतिविधियों को लेकर जिला पदाधिकारियों पर कई सवाल खड़े किए है। बहरहाल इन सब बातों के बीच पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को इस बात की उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्तरीय पदाधिकारी के आने के बाद अब प्रदेश स्तर पर इस बात के लिए प्रयास होंगे कि सिरोही में संगठन को किस तरह से मजबूत बनाया जाए।
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