विश्व जल दिवस पर जल संरक्षण की शपथ: सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के साथ मिलकर निकाली जागरुकता रैली, दीवारों पर बनाई पेंटिंग्स
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संदेश के संदेश के साथ जागरुकता रैली निकाली गई।
जयपुर।
सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संदेश के संदेश के साथ जागरुकता रैली निकाली गई।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग उत्तर एवं दक्षिण के विद्याधर नगर सेक्टर 4 , सेक्टर 8, अम्बाबाड़ी, ट्रांसपोर्ट नगर, जवाहर नगर, ब्रह्मपुरी, गांधीनगर में पानी के महत्व को बताते हुए समुदाय प्रबंधन समिति एंवम सिंगल विंडो फोरम के सदस्यों ने दीवारों पर पेंटिंग्स बनाई।
रैली में दिया "जल ही जीवन है एवं "जल है तो कल है" का संदेश
जयपुर के विद्याधर नगर के वार्ड नंबर 27 , 24 जोन एवं आदर्श नगर जोन के वार्ड नंबर 96, 97, 98 में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के दफ्तरों से रैली का भी आयोजन किया गया। आदर्श नगर जोन में अधीक्षण अभियंता, विद्याधर नगर जोन में अधिशाषी अभियंता पवन अग्रवाल एवं सहायक अभियंता हनुमान प्रजापत ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जल संरक्षण रैली में 70 महिलाएं और 15 पुरुषों ने भाग लिया। सभी ने "जल ही जीवन है एवं "जल है तो कल है" आदि नारे लगाते हुए सिर पर मटके रख कर जल के महत्वता को दर्शाया। इस दौरान महिलाओं ने पानी के ऊपर होने वाले खपत और किस प्रकार से पानी का सही इस्तेमाल करना चाहिए पर अपनी सोच को सबके समक्ष रखी।
पेयजल की व्यवस्था एक चुनौती:जैन
अधीक्षण अभियंता सतीश जैन ने कहा कि राजस्थान में रहने वाले सभी निवासियों के लिए पेयजल की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। वर्तमान में देश के सामान्य अनुपात का भी लगभग 33 % ही सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है। जिस अनुपात से हमारे जनसंख्या का घनत्व बढ़ रहा है उसी तीव्रता से भूजल का स्तर घट रहा है। ऐसे में मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि जल के महत्व को समझे और उसके अपव्यय को रोके। यदि पी.एच.ई.डी द्वारा डाली गई पाइप लाइन में कोई लिकेज है तो उसकी सूचना विभाग को दें और पानी को दूषित न होने दे। वहीं पवन अग्रवाल ने कहा कि COVID के समय में जब हम हैंडवॉश करने की बात करते हैं तो पानी का संरक्षण करना भी उतना ही जरूरी है। हम सभी को पानी के संरक्षण और भविष्य के लिए अपनी प्रकृति को बचाने की शपथ लेनी चाहिए। यह कार्यक्रम भारत की “शहरी झुग्गी बस्तियों में सामाजिक रूप से समावेशी वॉश पहलो के लिए एकजुटता लाना, सहायत करना और दोहराना,” परियोजना का एक हिस्सा था। इसके सहयोगी वाटर फॉर वुमन फंड, ऑस्ट्रेलिया सरकार है।
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