बेलारूस के राष्ट्रपति की तानाशाही: बेलारूस के राष्ट्रपति ने एक पत्रकार को गिरफ्तार करने केलिए  विमान की कराई आपात लैंडिंग, अमेरिका तक ने की निंदा

बेलारूस में राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के आदेश पर सोमवार को एक 26 साल के पत्रकार को फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार कर लिया गया। आप को बता दें कि बेलारूस राष्ट्रपति  ने पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए पहले विमान में बम की अफवाह फैलाई गई।

बेलारूस के राष्ट्रपति ने एक पत्रकार को गिरफ्तार करने केलिए  विमान की कराई आपात लैंडिंग, अमेरिका तक ने की निंदा

नई दिल्ली।
बेलारूस (Belarus) में राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको (Alexandr Lukashenko) के आदेश पर सोमवार को एक 26 साल के पत्रकार को फिल्मी अंदाज में गिरफ्तार कर लिया गया। आप को बता दें कि बेलारूस राष्ट्रपति ने पत्रकार को गिरफ्तार करने के लिए पहले विमान में बम की अफवाह फैलाई गई। फिर फाइटर जेट मिग-29 भेजकर विमान को जबरन लैंड कराया गया। इसके बाद सेना के 60 जवान भेजकर उन्हें गिरफ्तार किया। वो भी सिर्फ इसलिए, क्योंकि वह सरकार का सबसे बड़ा आलोचक है।  


जानकारी के मुताबिक यूनान से लिथुआनिया जा रहे एक रयान एयर के यात्री विमान के रविवार को जबरन बेलारूस में उतारा गया। बेलारूस ने विमान के अंदर सवार पत्रकार रोमन प्रोटसेविच और उनकी गर्लफ्रेंड सोफिया को अरेस्ट कर लिया है। वहीं रोमन दिमित्रियेविच की गिरफ्तारी पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन तक ने निंदा की है। उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक घटना बताया। उन्होंने कहा कि मिस्टर दिमित्रियेविच प्रोत्साविक ने कन्फेंशन वीडियो दबाव में बनाया है। ये राजनीतिक असंतोष और प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर अपमानजनक है।  
अमेरिका ने बेलारूप पर प्रतिबंध लगाने का किया समर्थन 

राष्‍ट्रपति अलेक्‍जेंडर लुकाशेंको


अमेरिकी राष्ट्रपति ने बेलारूस पर यूरोपियन यूनियन की तरफ से आर्थिक प्रतिबंध सहित कई एक्शन लेने का समर्थन किया। उन्होंने अपनी टीम के सदस्यों से इस घटना के जिम्मेदार लोगों को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए। बाइडेन ने कहा कि अमेरिका उन देशों के साथ खड़ा है, जो पत्रकार की रिहाई और साथ ही उन सैकड़ों कैदियों की रिहाई की मांग करते हैं, जिन्हें लुकाशेंको के राज में अनैतिक तौर पर गिरफ्तार कर रखा है।

बेलारूस की यूनिवर्सिटी के छात्र रह चुके रोम
जानकार बताते हैं कि रोमन ने राष्ट्रपति का विरोध करने के लिए एक सोशल नेटवर्किंग गु्रप भी बनाया था, जिसे सरकार के आदेश पर 2012 में हैक कर लिया गया। तब रोमन बेलारूस की स्टेट यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता के छात्र थे, लेकिन सरकार की आलोचना के बाद उन्हें यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया। उन पर दंगा भडक़ाने और देशद्रोह जैसे आरोप लगे। हालांकि कोर्ट ने उन्हें तमाम अपराधों से बरी कर दिया था। इसके बाद रोमन 2019 पोलैंड चले गए। जनवरी 2020 में पोलैंड में से राजनीतिक शरण मांगी। फिर वहां नेक्स्टा नाम का यूट्यूब चैनल चलाने लगे। यह चैनल बेलारूस विरोधी खबरें दिखाता है। पिछले साल इस चैनल ने बेलारूस के राष्ट्रपति के खिलाफ काफी खबरें दिखाई थीं। इसके बाद बेलारूस की सरकार ने रोमन के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए थे। फिर उन्हें आतंकी बताते हुए मौत की सजा सुना दी।
पत्रकार को रिहा करने की मांग
पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर यूरोपियन संघ, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने बेलारूस की आलोचना की है। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने इस घटना को ‘हाईजैक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि बम की अफवाह फैला कर किसी को ऐसे गिरफ्तार करना गंभीर कदम है। यूरोपीय यूनियन और फ्रांसीसी सरकार ने बेलारूस से सफाई मांगी है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटी ब्लिंकेन ने प्रोत्साविक को तुरंत रिहा करने की मांग की।

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