सरकारी कारकूनों का नया कमाल: सालभर में पांच लाख का फिल्टर पानी पी जाती है माउंट आबू नगरपालिका

पीने का पानी एक मूलभूत आवश्यकता हैं, लेकिन मूलभूत आवश्यकता का ही दुरुपयोग हो तो सवाल पैदा होना लाजिमी हैं। माउंट आबू नगर पालिका भी कुछ ऐसा कर रही हैं। यहां सरकारी कारकून पालिका को मिल रहे राजस्व को चूना लगाने से नहीं चूक रहे।

सालभर में पांच लाख का फिल्टर पानी पी जाती है माउंट आबू नगरपालिका

माउंट आबू। बहुत कम लोग जानते हैं कि देश में शहरी निकाय की शुरूआत मद्रास में 1687 तथा राजस्थान के माउंट आबू में 1864 से हुई थी। राजस्थान के पर्वतीय पर्यटन स्थल माउंट आबू में सबसे पहले नगरपालिका की स्थापना 1864 में हुई थी। सबसे पहले माउंट आबू में पालिका स्थापित होने के बाद 1866 में अजमेर तथा 1867 में ब्यावर में नामित मंडलों की स्थापना की गई थी।

राजस्थान की सबसे पहली नगर पालिका का गौरव होने के बावजूद माउंट आबू पालिका अब दूधमुंही गाय बन चुकी हैं। वह इन मायनों में कि सीमावर्ती पालिका होने के कारण यहां की कार्यशैली पर किन्हीं अफसरों का ध्यान नहीं जाता हैं। माउंट आबू पालिका क्षेत्र में वैसे तो अवैध निर्माण के कारनामे भरे पड़े हैं, लेकिन माउंट पालिका इनदिनों एक निविदा को लेकर चर्चा में है।

पालिका मंडल की ओर से हाल ही में एक निविदा निकाली गई हैं, जिसमें पीने के लिए पानी के कैम्पर पर पांच लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया हैं। बड़ा सवाल यह है कि पालिका क्षेत्र में जब आमजन और यहां आने वाले सैलानी नलों से टपकने वाला पानी पीकर हलक तर कर रहे हैं तो फिर पालिका प्रशासन पानी के कैम्पर पर पांच लाख रुपये कैसे खर्च कर रहा हैं।

माउंट आबू राजस्थान और गुजरात की सरहद पर स्थित पर्वतीय पर्यटन स्थल हैं।

यहां देसी-विदेशी सैलानियों की आवक से ही सालभर में करोड़ों रुपये का राजस्व जुटाया जाता है। पालिका प्रशासन देसी-विदेशी सैलानियों के लिए सुविधाएं जुटाने में तो नाकाम साबित हो ही रहा हैं, अब अपने कारनामों की वजह से चर्चा के केन्द्र में है। पालिका प्रशासन की ओर 22 जुलाई 2022 को एक निविदा निकाली गई, जिसमें 18 कामों के लिए ठेकेदार फर्मों को आमंत्रित किया गया। इसके बिन्दु संख्या 12 पर पानी कैम्पर सप्लाई कार्य के लिए पांच लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। पालिका में कर्मचारियों की संख्या गिनी-चुनी हैं। ऐसे में यह बिन्दु सीधे तौर पर किसी के गले नहीं उतरता हैं।

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इस निविदा में सीसीटीवी सर्विलांस-मरम्मत, इंटरकॉम मरम्मत, नक्की लेक के चारों तरफ सेल्फी पाइंट, वंडर पार्क, नेशनल पार्क में रोशनी व्यवस्था, जेसीेबी मय ऑपरेटर, नगरपालिका के विभिन्न वार्डों में फोगिंग, रोडलाइट का रखरखाव, लाइट डेकोरेशन, विभिन्न कार्यक्रमों में जनरेटर सप्लाई, आबू पर्वत क्षेत्र में नो पार्किंग रिकवरी वैन मय ड्राइवर, नेशनल फ्लैग सप्लाई व फिक्सिंग, लोहे का फर्नीचर सप्लाई तथा विभिन्न उद्यानों में फाउंटेन के रखरखाव के लिए ठेकेदारों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं।

आयुक्त शिवपाल सिंह की ओर से निकाली गई इस निविदा का समय बीत चुका हैं। पांच अगस्त को निविदाएं खोली जा चुकी हैं। इसमें कई सवाल अनुतरित हैं।

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