2018 IAS टॉपर कनिष्क कटारिया नए SDM: 2018 IAS टॉपर Kanishk Kataria माउंट आबू के नए एसडीएम, विदेश में लाखों का पैकेज छोड़ की थी तैयार और बन गए आईएएस

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 के टॉपर और IIT बॉम्बे से पास आउट जयपुर निवासी कनिष्क कटारिया अब हिल स्टेशन माउंट आबू के एसडीएम होंगे। आईएएस कटारिया की पहली नियुक्ति बतौर रामगंजमंडी उपखंड अधिकारी, कोटा के तौर पर हुई। कोटा से दूसरी नियुक्ति माउंट आबू में की गई है। 

2018 IAS टॉपर Kanishk Kataria माउंट आबू के नए एसडीएम, विदेश में लाखों का पैकेज छोड़ की थी तैयार और बन गए आईएएस

सिरोही। 
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2018 के टॉपर और IIT बॉम्बे से पास आउट जयपुर निवासी कनिष्क कटारिया अब हिल स्टेशन माउंट आबू के एसडीएम होंगे। 
आईएएस कटारिया की पहली नियुक्ति बतौर रामगंजमंडी उपखंड अधिकारी, कोटा के तौर पर हुई। कोटा से दूसरी नियुक्ति माउंट आबू में की गई है। 
राजस्थान सरकार की ओर से नए साल पर जारी तबादला सूची में कनिष्क का भी नाम हैं।


कोटा से पढ़ाई कर कोटा में ही अधिकारी बनने कर सेवाएं देने वाले कनिष्क अपने आईएएस नौकरी को लेकर चर्चा में आ गए थे। आईएएस बनने से पहले विदेश में लाखों के पैकेज की नौकरी करने वाले कनिष्क ने एक ही पल में विदेशी नौकरी छोड़ी और यहां आकर डेढ़ साल जमकर तैयार की। 
इसका परिणाम है कि पहले ही प्रयास में वे 26 साल की उम्र में टॉप कर गए। 
जानकारी के मुताबिक कनिष्क ने डेढ़ वर्ष तक सेमसंग कंपनी के मुख्यालय कोरिया में उच्च पद पर जॉब किया।
 कनिष्क के पिता सांवरमल वर्मा आईएएस अधिकारी हैं। वे भी कोटा में बतौर एसडीएम सेवाएं दे चुके हैं। 
उस समय कनिष्क कोटा के सेंटपॉल स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। कनिष्क ने तीन वर्ष तक कोटा में आईआईटी जेईई की क्लासरूम कोचिंग की। कनिष्क के ताऊ आईएएस केसी वर्मा भी कोटा में संभागीय आयुक्त रह चुके हैं।


कनिष्क कटारिया जेईई परीक्षा में पहली ही बार 44वीं रैंक पर सलेक्ट हो गए थे। इसके बाद उन्होंने आईईटी बॉम्बे चुना और वहां से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री हासिल की।
आईएएस परीक्षा में जाकर सो गए थे कनिष्क कटारिया 
कनिष्क कटारिया ने एक साक्षात्कार में बताया कि वे पहले प्रयास को न ही गिनें तो बेहतर है। 
जब परीक्षा के एक दिन पहले उन्हें पता चलता है कि उनके पिता ने फॉर्म भर दिया था और कल उसकी परीक्षा है। इस पर कनिष्क एक बार ट्राय के तौर पर गए। 
पापा के कहने पर कनिष्क परीक्षा देने चले गए और जीएस में कमजोर होने के कारण एग्जाम हॉल से जाकर सो गए। 
परीक्षा पास नहीं हुई और इसके बाद वे विदेश चले गए। वापस आकर उन्होंने गंभीरता से इस बारे में सोचा तो डेढ़-दो साल का समय लगाकर जमकर तैयारी की।

सिरोही के जवाई कनिष्क कटारिया दहेज विरोधी
कनिष्क कटारिया का ससुराल भी सिरोही में ही है। ऐसे में अब माउंट आबू के एसडीएम के पद पर सिरोही के जवाई कार्यभार संभालेंगे। जीतेंद्र आर्य ने बताया कि सोनल का विवाह कनिष्क से 3 ​फरवरी 2020 को हुआ था। शिक्षित और सक्षम परिवार से तालुक रखने वाले कनिष्क दहेज के खिलाफ थे।

उनके रिश्ते में साले लगने वाले व्याख्याता जीतेंद्र ने बताया कि बेहद ही संजीदा व्यक्तित्व वाले युवा आईएएस ने दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया था।

कनिष्क की पत्नी सोनल भी पहले विदेश में अच्छे पैकेज पर कार्यरत थी। इसके बाद इंडिया आ गई और यहां जोमेटो में कार्य किया, अब वे स्वयं के स्टार्टअप पर कार्य कर रहे हैं।

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