फर्स्ट भारत की खबर का असर: रात में जागा प्रशासन, लिखित में आश्वासन देकर महिला व्यवसाई का अनशन तुड़वाया
तीन दिन तक और किसी ने महिला व्यवसाई की सुध नहीं ली। इसी बीच जनहितैषी बने आबू—पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने भी एक ट्वीट करके गुरबानी का पक्ष लिया, लेकिन कुछ ही समय में उन्हें वह भी दबाव के चलते डिलीट करना पड़ा।
माउंट आबू | फर्स्ट भारत की खबर के तत्काल बाद रात में जागे माउंट आबू नगरपालिका प्रशासन ने महिला व्यवसाई श्रीमती मंजू गुरबानी का अनशन खत्म करवाया। यही नहीं रात में ही मौका देखा और लिखित में कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
एक निजी होटल की संचालक मंजू गुरबानी बीते तीन दिन से कांग्रेस नेता के दबाव में प्रशासनिक अमले द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में अनशन पर थी। प्रशासनिक अफसर उनकी सुध नहीं ले रहे थे। वहीं भाजपा नेता मदन दिलावर ने मुलाकात की, लेकिन विधानसभा में मामला उठाने की बात कही।
अब विधानसभा कब आहूत होगी। यह तो दिलावर जाने, लेकिन तीन दिन तक और किसी ने महिला व्यवसाई की सुध नहीं ली। इसी बीच जनहितैषी बने आबू—पिण्डवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने भी एक ट्वीट करके गुरबानी का पक्ष लिया, लेकिन कुछ ही समय में उन्हें वह भी दबाव के चलते डिलीट करना पड़ा।
सारे मामले को फर्स्ट भारत ने प्रमुखता से उठाया। खबर वायरल होते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और माउंट आबू नगरपालिका आयुक्त को तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए। आदेश मिलते ही पालिका आयुक्त शिव पाल सिंह मौके पर पहुंचे और कार्रवाई का आश्वासन देते हुए अनशन समाप्त करने की मांग की।
इस पर अनशनकर्ता ने तत्काल मौका देखने की मांग और लिखित में आश्वासन की मांग की। आयुक्त ने देर रात नाथा राम कलबी के साथ मौका मुआयना किया और सेट बैक पर अवैध निर्माण प्रतीत होना पाया।
पन्द्रह दिन के भीतर जांच पूरी करवाकर कार्रवाई की बात कहते हुए आयुक्त ने लिखित आश्वासन दिया है। इस पर श्रीमती गुरबानी ने अनशन समाप्त किया है।
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