जाट समाज का फैसला बन सकता है नजीर: घोड़ी से आएगा दूल्हा तो नहीं मिलेगी दुल्हन, दूल्हे का क्लीन शेव होना भी जरूरी

पहले पाली के ही कुमावत समाज ने शादियों में फिजूलखर्ची को रोकने का ऐसा निर्णय किया था। उनके इस निर्णय में 19 गांव के पंच सम्मलित हुए थे। पंचों का कहना है कि, शादी में लाखों रुपए का फिजूलखर्च किया जाता है। इसे रोकने के लिए समाज ने ये फैसला लिया है। समाज सुधार के फैसले को नहीं मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

घोड़ी से आएगा दूल्हा तो नहीं मिलेगी दुल्हन, दूल्हे का क्लीन शेव होना भी जरूरी

पाली। अब दूल्हा पैदल चलकर आएगा, तब ही अपनी दुल्हनिया से शादी कर सकेगा। दूल्हे का क्लीन शेव होना भी जरूरी होगा। इसके साथ ही न बैंडबाजा होगा और न आतिशबाजी। पाली के जाट समाज का यह फैसला आने वाले दिनों में शाही शान ओ शौकत से शादियां करने वाले समाजों के लिए नजीर बन सकता है। 

जिले के रोहट में स्थित हनुमान मंदिर में जाट समाज के पांच खेड़ा (गांव) की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में पांच गांव (भाकरीवाला, काला पीपल की ढाणी, पिपलिया की ढाणी, माडपुरिया, मंडली दर्जियान) के पंच मौजूद रहे। इससे पहले पाली के ही कुमावत समाज ने शादियों में फिजूलखर्ची को रोकने का ऐसा निर्णय किया था। उनके इस निर्णय में 19 गांव के पंच सम्मलित हुए थे।

पंचों का कहना है कि शादी में लाखों रुपए का फिजूलखर्च किया जाता है। इसे रोकने के लिए समाज ने ये फैसला लिया है। समाज सुधार के फैसले को नहीं मानने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इन 5 गांवों में जाट समाज के करीब 500 घर हैं। करीब 100 परिवार बाहर रहते है। उन पर भी ये फैसला लागू रहेगा।

जाट विकास समिति के सदस्य व भाकरीवाला सरपंच अमराराम बेनीवाल ने बताया कि जाट समाज में ज्यादातर तीन-चार या इससे ज्यादा लड़कियों की शादी परिवार वाले एक साथ करते हैं। दुल्हन के गांव में घोड़ी-बैंड, DJ की व्यवस्था दूल्हे पक्ष को करनी होती है। ऐसे में कई बार आर्थिक रूप से कमजोर परिवार घोड़ी की जगह पैदल ही तोरण पर दूल्हे को लेकर आते हैं।

ऐसे में कोई दूल्हा घोड़ी पर तो कोई पैदल तोरण टीकते दिखता हैं। सभी में एक समानता नजर आए इसलिए घोड़ी पर तोरण टीकने आने और डीजे पर पाबंदी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि लंबी दाढ़ी रखना हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं इसलिए फेरे लेने के दौरान दूल्हे को क्लीन शेव ही होना चाहिए।

बैठक में ये फैसले लिए

  • दूल्हा तोरण टीकने घोड़ी पर नहीं आएगा।
  • फेरे लेने के समय दूल्हा क्लीव शेव होना चाहिए।
  • दुल्हन के गांव में दूल्हा पक्ष के लोग DJ नहीं बजाएंगे, आतिशबाजी नहीं करेंगे।
  • शादी या गंगाजल में नशे की मनुहार नहीं होगी। बाल-विवाह भी नहीं होंगे।
  • अमायरा में परिवार के कपड़े की जगह ढाल उतार रुपए दिए जाएंगे।
  • किसी की मौत पर बैठक केवल 01 दिन ही रखी जाएगी।
  • ओढ़ावनी में सिर्फ बहन-बहनोई व सास के लिए ही कपड़े लाने होंगे।
  • मौत पर मिठाई में लापसी या मैदे का हलुवा ही बनेगा।
  • 51 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति की मौत पर ही गंगाजल किया जाएगा।

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