सांचोर विधानसभा: सांचोर में देवजी पटेल का भारी विरोध, यह कारण आया सामने, क्या पार्टी बदलेगी उम्मीदवार!
सांचोर विधानसभा क्षेत्र में देवजी पटेल को काले झंडे दिखाना, उनके काफिले पर हमले की खबर तक के वीडियो वायरल हो रहे हैं। लोग उनके खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, ऐसे में प्रश्न है कि क्या भाजपा इस सीट से देवजी पटेल के नाम पर पुनर्विचार करेगी? वैसे विरोध के स्वर दिल्ली तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी।
सिरोही। जालोर सिरोही सांसद देवजी भाई पटेल को सांचोर से विधानसभा उम्मीदवार बनाना भाजपा को भारी पड़ रहा है। सांचोर में कई जगह देवजी का भारी विरोध होना शुरू हो गया है।
सांचोर विधानसभा क्षेत्र में देवजी पटेल को काले झंडे दिखाना, उनके काफिले पर हमले की खबर तक के वीडियो वायरल हो रहे हैं। खुद देवजी पटेल के समाज में भी विरोध के स्वर सार्वजनिक होने लगे हैं। एक सभा में तो भाजपा का कार्यकर्ता भावुक तक हो गया।
सांसद देवजी पटेल के गढ़ में पंद्रह साल से भाजपा हार रही है -
ज्ञात हो कि 2003 में जीवाराम चौधरी ने बीजेपी को बड़ी जीत दिलाई थी। इसके बाद वर्ष 2008 में जीवाराम चौधरी निर्दलीय जीतकर आए थे और 2013, 2018 के चुनावों में कांग्रेस से सुखराम बिश्नोई जीते थे।
सांसद देवजी पटेल के खुद के गढ़ सांचोर विधानसभा क्षेत्र में 10 साल से कांग्रेस जीत रही है, 15 साल से भाजपा हार रही है। ऐसे में उनके टिकट पर सवाल उठना लाजमी है।
यह है विरोध का कारण --
देवजी पटेल पिछले पंद्रह साल से राजनीति में सक्रिय है, सांसद के तौर पर उनका तीसरा कार्यकाल है। देवजी पटेल की राजनीति में ऐसी कोई उपलब्धि नहीं कि उनके नाम से वोट पड़े हो। देवजी पटेल की जीत भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं की मेहनत और मोदी मैजिक माना जाता रहा है।
कार्यकर्ताओं की शिकायत है कि देवजी पटेल ने संसदीय क्षेत्र तो छोड़िए अपने घरेलू क्षेत्र सांचोर में भी कार्यकर्ताओं के साथ खड़े नहीं रहे हैं। पंद्रह साल में वह चाहते तो बहुत कुछ बदल सकते थे।
जमीनी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता अब विधानसभा केलिए टिकट मांग रहे थे तो देवजी को उनका साथ देकर जिताना था, जबकि वह खुद ही टिकट लेकर आ गए हैं।
लोगों का कहना है कि देवजी भाई को वर्षों से उनके लिए वोट मांग रहे कार्यकर्ताओं और जमीन से जुड़े लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए था।
क्या पार्टी करेगी पुनर्विचार -
ज्ञात हो कि सांचोर की इस सीट पर वैसे भी हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है, ऐसे में विरोध के स्वर अगर जयपुर दिल्ली तक पहुंचे तो क्या भाजपा पुनर्विचार करेगी? वैसे विरोध के स्वर दिल्ली तक पहुंचने में देर नहीं लगेगी।
लोगों में चर्चा है कि देवजी पटेल के नाम पर भाजपा को वापस सोचना होगा वरना जिस जीत केलिए सांसद को टिकट दिया है, दांव उल्टा न पड़ जाए।
लोगों ने साफ कह दिया है देवजी पटेल बुरी तरह चुनाव हारेंगे। वैसे भी काले झंडों ने मौजूदा सांसद का रास्ता तो रोक ही लिया है।
आदर्श सोसायटी के निवेशकर्ता भी है नाराज -
सिर्फ सांचोर ही नहीं, जालोर सिरोही संसदीय क्षेत्र के लोग देवजी पटेल से नाराज है। इस नाराजगी का कारण देवजी का वह वादा है जिसमे उन्होंने मोदीजी से आदर्श सोसायटी के निवेशकों की पाई पाई लौटाने का वादा किया था। अब जब वादा निभाने की बात आ रही है तो वह संसदीय क्षेत्र छोड़कर सांचोर से विधानसभा का टिकट लेकर आ गए हैं।
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