Rajasthan @ राजनीति में आरोप—प्रत्यारोप: राजस्थान विधानसभा के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने अपने ही नौकरशाह के सामने राजस्थान सरकार के प्रदर्शन को बताया नौटंकी की पराकाष्ठा
राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। इस बार जहां राजस्थार की कांग्रेस सरकार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए हादसे को लेकर प्रदर्शन कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर सरकार के मंत्रियों से इस्तीफा मांग रहा है।
जयपुर।
राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। इस बार जहां राजस्थार की कांग्रेस सरकार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए हादसे को लेकर प्रदर्शन कर रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष राजस्थान की भर्ती परीक्षाओं में हो रही धांधली को लेकर सरकार के मंत्रियों से इस्तीफा मांग रहा है। ऐसे में सरकार और विपक्ष के आरोप—प्रत्यारोप के बीच प्रदेश का युवा और बेरोजगार वर्ग ठगा सा महसूस कर रहा है। इसी बीच आज भाजपा विधायक और विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कांग्रेस के प्रदर्शन को नौटंकी बताया। राठौड़ ने सोशल मीडिया पर प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक होने और किसानों पर लाठीचार्ज करने की घटनाओं को लेकर एक के बाद एक ट्वीट किए।
राठौड़ ने बताया नौटंकी की पराकाष्ठा
राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार अपने ही नौकरशाह के सम्मुख प्रदर्शन कर नौटंकी कर रही है। सरकार के 3 साल के प्रदर्शन को प्रदेश की जनता भुगतने को मजबूर है। कांग्रेस के राज में राजस्थान अपराध का सिरमौर बना हुआ है और अपराधी बेखौफ होकर अपहरण,लूट व हत्या जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने की परंपरा बनाने वाली कांग्रेस सरकार प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। ReetExam2021 में धांधली जगजाहिर हैं और इसके तार पेपर माफिया से लेकर सरकार के मंत्रियों तक जुड़े हुए हैं। वहीं हनुमानगढ़ में MSP पर अपनी धान की खरीद कराए जाने की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज और घड़साना में पानी के लिए लम्बे समय से आंदोलन कर रहे किसान की सुनवाई नहीं होना सरकार के किसान विरोधी चेहरा को स्वत: ही उजागर कर रहा है। यह हिंदुस्तान में कांग्रेस की सबसे बड़ी नौटंकी है।
केंद्र सरकार ने तय किए मूल्य, गहलोत सरकार गंभीर नहीं
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने साल 2021-22 के लिए धान का समर्थन मूल्य 1960 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिए। इसके बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी खरीद शुरु करने को लेकर गंभीर भी नहीं है। अन्नदाताओं पर लाठियां बरसाने के बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार अब केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इतिश्री कर रही हैं। एमएसपी पर खरीन नहीं होने से अन्नदाता मंडियों में कम दाम पर बेचने को मजबूर है। किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। राज्य सरकार मध्यप्रदेश,पंजाब व हरियाणा की तर्ज पर अपने खुद के बजट में धान की खरीददारी की व्यवस्था क्यों नहीं करती? किसानों को गुमराह मत करो।
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