मुख्य सचिव से मिले संयम: दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने और 10-10 लाख मुआवजा दिलाने की मांग
लोढ़ा ने मुख्य सचिव को रेंज आईजी की जांच की कॉपी देते हुए कहा कि उनकी रिपोर्ट में सारे तथ्यों का खुलासा हो चुका है। गृह विभाग ने भी पुलिस मुख्यालय से अब तक कार्रवाई नहीं करने पर जवाब तलब किया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार स्पष्ट है कि गेमाराम की गिरफ्तारी पूरी तरह गलत और बरामदगी एक धोखा है।
सिरोही। विधायक संयम लोढ़ा ने शनिवार को मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से शासन सचिवालय में मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मुख्य सचिव को बताया कि जिले के बरलूट में हत्या के मामले में लखमाराम देवासी और गेमाराम गरासिया को झूठा फंसाया गया है। उन्होंने मामले में दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर बर्खास्ती के लिए सीसीए नियम 16 अनुशासनात्मक कार्रवाई करने एवं दोनो पीड़ितों को 10-10 लाख पर मुआवजा देने की मांग की। इस पर मुख्य सचिव ने संयम लोढ़ा को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
लोढ़ा ने मुख्य सचिव को बताया कि लखमाराम देवासी जमानत पर है और गेमाराम गरासिया अभी भी सिरोही जेल में बंद हैं। अपराध में शामिल नहीं होने के बाद भी जेल में बंद करने से दोनों नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का गंभीर हनन हुआ है। उन्होंने कहा कि गेमाराम गरासिया हत्या के दिन बाली जेल में बंद था, लेकिन उसे महीनों बाद एसओजी ने फंसा दिया। निर्दोष गिरफ्तार किए गए लखमाराम देवासी के मामले में 3 साल बाद 2021 में पुलिस ने जिला कोर्ट में 169 की अर्जी प्रस्तुत कर कहा कि लखमाराम देवासी को गलत गिरफ्तार किया गया है। लोढ़ा ने बताया कि लखमाराम देवासी की गलत गिरफ्तारी के खिलाफ 2018 में भी उन्होंने देवासी समाज के लोगों के साथ बरलूट थाने का घेराव किया था। उन्होंने कहा कि गेमाराम उर्फ गेमला के जेल में होने के बावजूद मर्डर केस में फंसाना पुलिस की आपराधिक मानसिकता को बताता है।
लोढ़ा ने मुख्य सचिव को रेंज आईजी की जांच की कॉपी देते हुए कहा कि उनकी रिपोर्ट में सारे तथ्यों का खुलासा हो चुका है। गृह विभाग ने भी पुलिस मुख्यालय से अब तक कार्रवाई नहीं करने पर जवाब तलब किया है। जांच रिपोर्ट के अनुसार स्पष्ट है कि गेमाराम की गिरफ्तारी पूरी तरह गलत और बरामदगी एक धोखा है।
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