Britain and China के मध्य तनातनी: ब्रिटेन की संसद में चीन के राजदूत को जाने से रोका, ब्रिटेक की संसद के स्पीकर ने मीटिंग में आने की नहीं दी अनुमति

ब्रिटेन की संसद में चीन के नए राजदूत को एंट्री नहीं दी गई। इससे दोनों देशों के मध्य अचानक तनातनी बढ़ गई। चीन के नए राजदूत झेंग जेगुआंग बुधवार हो ब्रिटेन की संसद में होने वाली मीटिंग में भाग लेने के लिए गए थे, लेकिन ब्रिटेन की संसद के स्पीकर ने उन्हें मीटिंग में आने की अनुमति नहीं दी।

ब्रिटेन की संसद में चीन के राजदूत को जाने से रोका, ब्रिटेक की संसद के स्पीकर ने मीटिंग में आने की नहीं दी अनुमति

नई दिल्ली, एजेंसी। 
ब्रिटेन(Britain) की संसद में चीन के नए राजदूत(Ambassador) को एंट्री नहीं दी गई। इससे दोनों देशों के मध्य अचानक तनातनी बढ़ गई। चीन के नए राजदूत झेंग जेगुआंग (Zheng Zeguang) बुधवार हो ब्रिटेन की संसद (UK parliament) में होने वाली मीटिंग में भाग लेने के लिए गए थे, लेकिन ब्रिटेन की संसद के स्पीकर ने उन्हें मीटिंग में आने की अनुमति नहीं दी। उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया गया। ब्रिटेन की मीडिया के मुताबिक राजनयिक जेगुआंग(Zeguang)को रोकने का फैसला हाउस ऑफ कॉमन्स (House of Commons) और हाउस ऑफ लॉर्ड्स (House of Lords) के स्पीकर्स ने लिया। दरअसल, चीनी राजदूत को निमंत्रण दिए जाने से ब्रिटिश सांसद (British MP)काफी नाराज हो गए ऐसे में स्पीकर्स ने सांसदों की नाराजगी को देखते हुए यह कार्रवाई की। चीनी राजदूत झेंग(Chinese Ambassador Zheng) आज शाम को हाउस ऑफ कॉमन्स में ऑल-पार्टी पार्लियामेंट्री चाइना ग्रुप और चीन-ब्रिटेन बिजनेस काउंसिल के समर रिसेप्शन में शामिल होने वाले थे। ऑल-पार्टी पार्लियामेंट्री चाइना ग्रुप बीजिंग(All-Party Parliamentary China Group Beijing) के साथ अच्छा संबंध चाहने वाले का सांसदों का एक समूह है। इधर, ब्रिटेन की संसद ने यह एक्शन ऐसे समय में लिया है जब पहले से ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। 

चीन ने सांसदों की यात्रा पर लगा दी थी रोक
आपको बता दें कि चीन और ब्रिटेन(China and Britain) के मध्य इस साल मार्च से ही तनाव का माहौल सा है। मार्च में चीन के शिनजियांग में उइगर मुसलमानों(Uighur Muslims) को लेकर विवाद बढ़ गया था। चीन ने मार्च में ब्रिटिश सांसदों और उनके परिवार के सदस्यों की यात्रा पर रोक लगा दी थी।  ब्रिटेन के सांसदों को चीन या हांगकांग के पूर्व में स्थित ब्रिटिश उपनिवेश में प्रवेश करने से मना कर दिया गया था। ऐसे में ब्रिटिश सांसदों पर चीन ने कार्रवाई तब की, जब शिनजियांग में मानवाधिकारों(Human Rights) के हनन के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हुए चीनी अधिकारियों पर ब्रिटेन के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ(US, Canada and European Union) ने प्रतिबंध लगा दिए थे। शिनजियांग में उइगर मुसलमानों के मानवाधिकार के उल्लंघन के आरोप से चीन की सरकार लगातार इनकार करती रही है।
ब्रिटेन के सांसदों ने किया स्वागत
चीन के राजदूत को संसद में जाने से रोक लगाने के मामले में ब्रिटिश सांसदों ने इसका स्वागत किया। ब्रिटिश सांसद इयान डंकन स्मिथ(Ian Duncan Smith), नुस गनी और टिम लॉटन(Tim Lawton) ने झेंग को प्रतिबंधित करने के फैसले का स्वागत किया।इन तीनों सांसदों ने बयान जारी करते हुए कहा कि चीन की सीमा में जाने से उन सांसदों पर रोक लगा दी गई, जिन्होंने चीन की ओर से किए जा रहे मानवाधिकार के उल्लंघन(Human Rights Violations) का मुद्दा उठाया। वहीं दूसरी ओर चीनी राजदूत(Chinese Ambassador) पर ब्रिटिश संसद की इस कार्रवाई की चीन ने कड़ी निंदा की है। चीनी दूतावास की तरफ से कहा गया कि ब्रिटेन की संसद की तरफ से उठाए गए इस कदम से दोनों देशों के बीच रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं।

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