पुलिस की करतूत: जिसने कभी साइकिल तक नहीं चलाई, पुलिस ने उसे स्कॉर्पियो का ड्राइवर बनाकर जेल में पहुंचा दिया, अब हुआ रिहा
एक व्यक्ति जिसे साइकिल भी नहीं चलानी आती थी, स्कॉर्पियो जैसे वाहन का चालक बताते हुए पुलिस ने एनडीपीएस जैसे बड़े जुर्म में फंसाकर जेल की यात्रा करवा दी। महीनों जेल में बंद रहने के बाद बिचारा अब बाहर आ सका है।
पाली | पुलिस रस्सी का भी सांप बना सकती है। कहावत लम्बे समय से चली आ रही है, लेकिन उसे चरितार्थ किया है पाली जिला पुलिस ने। एक व्यक्ति जिसे साइकिल भी नहीं चलानी आती थी, स्कॉर्पियो जैसे वाहन का चालक बताते हुए पुलिस ने एनडीपीएस जैसे बड़े जुर्म में फंसाकर जेल की यात्रा करवा दी। महीनों जेल में बंद रहने के बाद बिचारा अब बाहर आ सका है। बंदा भेड़—बकरियां चराकर पेट पालता है, लेकिन पुलिस ने उसे नशीली चीजों की तस्करी में सिर्फ इसलिए बंद कर दिया कि वह एक हत्या के मामले में मुख्य गवाह है और उसके लिए एक अपराधी ने साजिश रच दी। पुलिस ने बिना तस्दीक उसे अरेस्ट किया है।
बदमाश ने रची साजिश
मामला पाली जिले के सुमेरपुर के निकट बांकली गांव के रहने वाले तेजाराम का है। उदयपुर की वल्लभनगर थाना पुलिस ने उसे गाड़ी से डोडा तस्करी करने के इल्जाम में पकड़ कर जेल पहुंचा दिया। इसे 6 अगस्त को पकड़ा गया था। तीन दिन बाद जब इसके परिजनों को इसकी जानकारी मिली, तो वे हैरान रह गए। बेकसूर चरवाहे को साजिश के तहत फंसाने के खिलाफ देवासी समाज के लोगों के साथ गांववालों ने प्रदर्शन किया। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा तो जांच सीआईडी सीबी को दी गई। जांच में पाया गया कि तेजाराम को झूठा फंसा गया है। बताते हैं कि तेजाराम अपने भतीजे की हत्या का मुख्य गवाह है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी पाली उप कारागार में बंद है। इसी जेल में उसका दोस्त कुख्यात बदमाश उमेश बेनीवाल भी बंद है। बेनीवाल को पिछले साल डोडा पोस्त की तस्करी करते सुमेरपुर पुलिस ने पकड़ने का प्रयास किया था। इस पर उसने फायरिंग कर दी थी। बेनीवाल ने अपने दोस्त को छुड़वाने यह साजिश रची। उसने पुलिस को बयान दिया कि डोडा पोस्त की तस्करी के लिए गाड़ी तेजाराम ने उपलब्ध कराई थी। पुलिस ने बदमाश के बयान की ठीक से तस्दीक नहीं की और तेजाराम को पकड़ लिया। इस मामले में सुमेरपुर विधायक जोराराम कुमावत ने कहा कि उन्होंने भी इस मामले की शिकायत सीनियर पुलिस अफसरों से की, लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराई। इसके बाद मामला सीएम तक पहुंचा।
SHO सुमेरसिंह ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया था
तेजाराम का कहना है कि एसएचओ सुमेरसिंह उसे थाने लाए और पूछताछ के बाद जब यह पाया कि तेजाराम इसमें शामिल नहीं है तो उसे छोड़ दिया। परन्तु कुछ दिन बाद एक दूसरा थानेदार उसे पकड़कर ले गया और मारपीट करके जुर्म कबूल करने का दबाव बनाया।
Must Read: कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का निधन, गुर्जर समाज में शोक की लहर, राजे-पायलट ने दी श्रद्धांजलि
पढें राजस्थान खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.