सोशल मीडिया पर राजनीति: राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच सोशल मीडिया पर चली नोकझोंक,शायराना अंदाज में दिया एक दूसरे को जवाब

राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बाद अब सोशल मीडिया पर राजनीति के दो दिग्गज आमने सामने हो गए। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच ट्वीटर पर जमकर नोकझोंक हुई। दोनों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। 

राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच सोशल मीडिया पर चली नोकझोंक,शायराना अंदाज में दिया एक दूसरे को जवाब


जयपुर। 
राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बाद अब सोशल मीडिया पर राजनीति के दो दिग्गज आमने सामने हो गए। राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा (Raghu Sharma )और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ( Rajendra Rathore )के बीच ट्वीटर पर जमकर नोकझोंक हुई। दोनों ने एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए। 
जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने राजेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए बात शुरू की तो इसके बाद राठौड़ ने भी सोशल मीडिया पर पलटवार किया। रघु शर्मा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ न तीन में न तेरह में, न वसुंधरा राजे के खेमे में, न सतीश पूनिया के खेमे में। रघु शर्मा के इस बयान का राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीटर पर पलटवार करते हुए लिखा- चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा जी, आपने ठीक कहा ना मैं 3 में हूं और ना ही 13 में। मैं भाजपा कार्यकर्ता के रूप में जनता के अपार प्रेम और आशीर्वाद की बदौलत लगातार सातवीं बार विधायक निर्वाचित हुआ हूं।

मगर मेरे साथ राजनीतिक सफर शुरू करने वाले मित्र आपकी कार्यशैली तो ऐसी रही है कि आप 7 चुनाव लड़कर मात्र 2 बार ही विधानसभा में पहुंच पाए। राजेंद्र राठौड़ जी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को हराने के लिए आपने पहला चुनाव लड़ा केवल 2000 वोट आए थे।  रघु शर्मा ने राठौड़ पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि राजेन्द्र राठौड़ जी, पहला चुनाव आपने 1980 में जनता दल से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व. जगदीश प्रसाद माथुर को हराने के लिए लड़ा। इसमें आपको मात्र 2000 वोट आए। उसके बाद 1985 में ही जनता दल से ही चूरु से चुनाव लड़ा और आपकी ज़मानत ज़ब्त हो गई। उसके बाद हुए चुनाव में आप जनता दल से जीते और पार्टी का विघटन करके आप भाजपा में चले गए। मैं तीन चुनाव जीता जिसमें एक अजमेर लोकसभा का भी चुनाव शामिल है। इसमें आठों विधानसभाओं से भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। आप भी प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रहे हो और जब व्यवस्थाएं आपसे नहीं संभली और अधिकारी आपकी नहीं सुनते थे तो आपको कोटा में कहना पड़ा की मैं शर्मिंदा हूं कि मैं राज्य का चिकित्सा मंत्री हूं, वह बात भी आपको नहीं भूलनी चाहिए। इस पर राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि आपकी याददाश्त कमजोर हो गई, 1985 के चुनाव में चूरू से 5000 वोटों से हारकर दूसरे नंबर पर था फिर हार नहीं देखी। 


शायरी का जवाब शायरी से 

राजेंद्र राठौड़ ने रघु शर्मा के जवाब पर फिर पलटवार करते हुए शायराना अंदाज में लिखा कि  ना इतराओ इतना, बुलंदियों को छूकर, वक्त के सिकन्दर पहले भी कई हुए हैं,जहां होते थे कभी शहंशाह के महल,देखे हैं वहीं, अब उनके मकबरे बने हुए हैं। राठौड़ ने लिखा​ कि हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या, तेल देखो, तेल की धार देखो। समय का चक्र घूम रहा है, अगले चुनाव में ढाई साल बाद फिर किसी मोड पर चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा। अग्रिम शुभकामनाएं मेरे छात्र जीवन के मित्र। राठौड़ के पलटवार के बाद रघु शर्मा ने फिर जवाब दिया। रघु शर्मा ने लिखा- मेरे दोस्त, मेरे सखा, मेरे सम्माननीय जिनके स्वयं के घर शीशे के बने होते हैं वह बाल सखाओं पर पत्थर नहीं फेंका करते। इसके बाद शायराना जवाब देते हुए लिखा- "ना डरा मुझे ए दोस्त...नाकाम होगी तेरी हर कोशिश...जिंदगी के मैदान में खड़ा हूं, दुआओं का काफिला लेकर...! उजाले हमारी यादों के तुम्हारे साथ रहने दो, ना जाने जिंदगी की किस गली में शाम हो जाए।

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