Rajasthan @ कृषि उपज मंडी में भर्ती: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से होगी कृषि उपज मण्डी समितियों में 400 कनिष्ठ सहायकों की भर्ती, मुख्यमंत्री गहलोत ने दी मंजूरी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि उपज मण्डी समितियों में 400 कनिष्ठ सहायकों की सीधी भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर के माध्यम से कराए जाने की मंजूरी दी है। गहलोत की इस मंजूरी से कृषि उपज मण्डी समितियों में कनिष्ठ लिपिकों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती हो सकेगी।
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि उपज मण्डी समितियों में 400 कनिष्ठ सहायकों की सीधी भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर के माध्यम से कराए जाने की मंजूरी दी है। गहलोत की इस मंजूरी से कृषि उपज मण्डी समितियों में कनिष्ठ लिपिकों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती हो सकेगी। साथ ही, युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह भर्ती राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ कॉपरेटिव एजुकेशन एण्ड मैनेजमेंट के माध्यम से कराई जानी थी, लेकिन भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र सम्पादित किए जाने के उददेश्य से मुख्यमंत्री ने यह परीक्षा राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर से कराए जाने की स्वीकृति दी है।
डेंगू और मौसमी बीमारियों से बचाव को जागरूकता अनिवार्य:सीएम
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू के खिलाफ हमें पूरी तरह सतर्क रहना है और इनसे बचाव के लिए आमजन को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जिस प्रकार से कोविड-19 महामारी का कुशल प्रबंधन किया। उसी तत्परता के साथ सरकार द्वारा डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम, बचाव एवं उपचार का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्थानीय निकाय एवं सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा पूरे समन्वय के साथ काम करते हुए बेहतर उपचार, स्वच्छता एवं जागरूकता संबंधी कार्यों को प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है। गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मौसमी बीमारियों विशेषकर डेंगू की रोकथाम की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय पूरे देश में राजस्थान के कुशल चिकित्सा प्रबंधन और भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ हुई। इसी तरह अब एक बार फिर से डेंगू सहित अन्य मौसमी बीमारियों के खिलाफ हमें मिलकर काम करना है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभाग मिलकर जिला स्तर से लेकर गांव-ढाणी तक डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, चिकनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों के उपचार एवं बचाव के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन शहरों एवं गांवों के संग अभियान के दौरान भी आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक करें। उन्होंने स्थानीय निकायों को नियमित रूप से फॉगिंग करने व जिला प्रशासन को मौसमी बीमारियों की निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। गहलोत ने कहा कि हमारे यहां आंकड़े छिपाने का रिवाज नहीं है। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों और डेंगू से संबंधित आंकड़े जितने सही होंगे हम उतना ही प्रभावी नियंत्रण कर पाएंगे। आंकड़ों के आधार पर इन बीमारियों से ज्यादा प्रभावी तरीके से लड़ा जा सकता है। गहलोत ने निजी अस्पतालों से आह्वान किया कि मौसमी बीमारियों के इस दौर में वे मानवीय रखते हुए आम जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना को लेकर भी आम लोगों को जागरूक किया जाए। उन्हाेंने उडान योजना को लेकर कहा कि सेनेटरी नैपकीन की बात करने में अब संकोच नहीं रहा। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत 150 करोड़ रूपए खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर इस तरह की योजना लाने वाला राजस्थान पहला राज्य है। स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण को लेकर चिकित्सा विभाग के इंतजाम सराहनीय हैं। नगर निकायों में भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश की 213 नगर पालिकाओं में 499 फोगिंग मशीनें लगातार काम कर रही हैं। प्रभावी नियंत्रण के लिए हैल्पलाइन भी बनाई गई है। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण के लिए बचाव पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए आईईसी गतिविधियां, डोर-टू-डोर सर्वे, एंटी लार्वा गतिविधि और सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समन्वित प्रयास करके बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि नियमित सफाई एवं फोगिंग से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है।
बालिकाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए वरदान योजनाएं:ममता
महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ममता भूपेश ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से महिला एवं बाल विकास विभाग ने सहयोग दिया, उसी तरह से मौसमी बीमारियों एवं डेंगू से लड़ने में भी विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। उन्हाेंने उड़ान योजना के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेश की बालिकाओं और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए के लिए यह योजना वरदान साबित होगी। शासन सचिव चिकित्सा वैभव गालरिया ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मौसमी बीमारियों की स्थिति तथा विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि डेंगू की टेस्टिंग बढ़ाई जा रही है तथा हाई रिस्क एरिया में बीमार पाए गए व्यक्ति की सैंपलिंग वहीं की जा रही है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी ने डेंगू के लिए प्रोटोकॉल ट्रीटमेंट के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि डेंगू से ठीक होेने के बाद भी गॉल ब्लेडर में सूजन, पेट तथा लंग्स में पानी भरना, हार्टबीट कम होना, निम्न रक्तचाप तथा अवसाद जैसे दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर्स, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।
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