अब गुजरात में भी लव जिहाद गैरकानूनी: गुजरात विधानसभा ने धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2021 को किया पारित, अब जिहाद के नाम पर मिलेगी 5 साल तक की सजा, 2 लाख का जुर्माना
गुजरात में लव जिहाद अब गैरकानूनी होगा। इसके लिए लाए गए गुजरात सरकार ने धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक-2021 को राज्य की विधानसभा ने पारित कर दिया है। इसके तहत बहला-फुसलाकर, धमकी, लालच और भय दिखाकर अन्य धर्म की युवती से विवाह और धर्मांतरण के लिए तीन से पांच साल तक की सजा और दो लाख रुपए जुर्माना का प्रविधान किया गया है
अहमदाबाद।
गुजरात में लव जिहाद अब गैरकानूनी होगा। इसके लिए लाए गए गुजरात सरकार ने धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक-2021 को राज्य की विधानसभा ने पारित कर दिया है। इसके तहत बहला-फुसलाकर, धमकी, लालच और भय दिखाकर अन्य धर्म की युवती से विवाह और धर्मांतरण के लिए तीन से पांच साल तक की सजा और दो लाख रुपए जुर्माना का प्रविधान किया गया है। नाबालिग व अनुसूचित जाति-जनजाति के मामले में सात साल की सजा होगी। इस काम में किसी संस्था के मददगार होने पर 10 साल की सजा का प्रविधान किया गया है। इसके साथ ही ऐसी संस्था को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा।
गैर जमानती अपराध
सरकार ने इसे गैरजमानती अपराध माना है तथा पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी ही ऐसे मामलों की जांच कर सकेगा। ऐसे मामले में पीड़ित माता-पिता, भाई-बहन अथवा नजदीकी रिश्तेदार या दत्तक व्यक्ति भी पुलिस में शिकायत कर सकेगा। गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने गुरुवार को विधानसभा में लव जिहाद विरोधी विधेयक पेश किया। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने इस विधेयक की प्रति को सदन में ही फाड़ दिया। प्रदीपसिंह जाडेजा ने विधयेक फाड़ने पर कांग्रेस विधेयक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, मौजूदा बजट सत्र के दौरान गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने वर्ष 2003 के धर्म स्वतंत्रता अधिनियम का संशोधन विधेयक पेश किया। हालंकि इसमें लव जिहाद शब्द का प्रयोग नहीं किया गया है। जाडेजा ने सदन में एक घंटे तक अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कानून कई राज्यों और अन्य देशों में भी है। हिंदू समाज में बेटियों को कलेजे का टुकड़ा समझा जाता है उन्हें दूसरे की अमानत समझा जाता है। उन्हें जिहादी हाथों में नहीं जाने दिया जा सकता। नाम बदल कर हिंदू युवतियों को प्रेम जाल और विवाह संबंध में फंसाकर कर धर्मांतरण करवाने वाले जिहादी तत्वों से कड़ाई से निपटा जाना चाहिए। ऐसी प्रवृति पर राज्य सरकार रोक लगाने के लिए यह कानून लाई है। उन्होंने केरल के चर्च की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि धर्मांतरण के बाद ऐसी युवतियों का दुरुपयोग आतंकी प्रवृतियों के लिए किया जा रहा है। इधर, खेड़ावाला के अलावा एक अन्य कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने भी इस विधेयक का विरोध किया।
सीएम ने भी धर्म की दीवार तोड़कर किया था विवाह
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक परेश धानाणी ने कहा कि उन्हें अपने हिंदू होने पर गर्व है पर कुछ लोग इसका सर्टिफिकेट बांटने निकले हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने भी धर्म की दीवार को तोड़कर का विवाह किया था। इस पर भूपेंद्र सिंह चूड़ासमा ने आपत्ति जताई। धानाणी ने कहा कि साल 2003 में धर्म स्वतंत्रता विधेयक लेकर आए थे, आज फिर वही लेकर आए हैं। इतने सालों में आप ऐसी घटनाओं को रोक नहीं सके।
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और पाकिस्तान में भी ऐसे कानून हैं जिनमें अलग अलग तरह की सजा की व्यवस्था पर है। लव जिहाद के लिए कानून बनाना हमारा राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। ये हमारा दर्द है, जिस कारण हम यह कानून बना रहे हैं। राज्य सरकार ने लव जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन करके हिन्दू युवतियों से शादी कर उनके जीवन को नर्क बनाने वालों से सख्ती से निपटने का फैसला किया है।
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