कोरोनाकाल में देवदूत बना ब्रह्माकुमारिज : ब्रह्माकुमारीज संस्थान सेवा का दूसरा नाम, कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य के लिए मानसरोवर परिसर में बने आवासीय बिल्डिंग को ही बना दिया कोविड सेंटर, सुविधाएं पांच सितारा होटल जैसी
ब्रह्माकुमारीज संस्थान आबू रोड ने इसकी पहल करते हुए लोगों की जान बचाने और बेहतर इलाज के लिए आबू रोड के किवरली स्थित मानसरोवर परिसर में बने विशाल आवासीय बिल्डिंग को कोविड सेन्टर बनाने के लिए जिला प्रशासन से राय मशविरा कर सौंपने का निश्चय किया।
सिरोही।
समाज में सबसे उपर इंसानियत आती है। इस कोरोना काल में बहुत सी संस्थाओं ने इसे चरितार्थ किया है। इसी में एक विशेष नाम ब्रह्माकुमारीज संस्थान का है। कोविड काल में ही जब दूसरी लहर राजस्थान में आई सिरोही जिले में भी तेजी से इसका संक्रमण फैलने लगा। तब ब्रह्माकुमारीज संस्थान आबू रोड ने इसकी पहल करते हुए लोगों की जान बचाने और बेहतर इलाज के लिए आबू रोड के किवरली स्थित मानसरोवर परिसर में बने विशाल आवासीय बिल्डिंग को कोविड सेन्टर बनाने के लिए जिला प्रशासन से राय मशविरा कर सौंपने का निश्चय किया। इसके बाद उस परिसर में रहने वाले सौ से ज्यादा संस्था के सदस्यों से भवन खाली कराकर प्रशासन को सौंप दिया।
जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा कोविड सेंटर
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के इस आलीशान सुन्दर बने इस भवन को कोविड सेन्टर बना दिया गया। इसमें पांच सौ बेड है। यह जोधपुर संभाग का सबसे बड़ा कोविड सेन्टर है। इसके साथ ही होटल जैसे सुन्दर बने इस परिसर में सारी सुविधायें भी संस्थान ने ही दी है। पांच मंजिला भवन और आध्यात्मिक वातावरण, स्वच्छता और योग साधना से इस कोविड सेन्टर में सैकड़ों लोंगों की जान बचाई गई। सात चिकित्सकों के साथ तकरीबन 40 पैरामेडिकल स्टाफ और कुल दो सौ की संख्या में प्रशासनिक अधिकारी इस पूरे मामले को संभाल रहे है।
सभी के लिए सात्विक भोजन और काढ़े की व्यवस्था
इस कोविड केन्द्र में आने वाले मरीजों एवं उनके अटेण्डेट तथा वहां के स्टाफ के लिए सात्विक और शुद्ध भोजन की व्यवस्था ब्रह्माकुमारीज संस्थान ही कर रहा है। भोजन पकाने के कार्य भी राजयोगी संस्थान से जुड़े लोग ही करते है। इसके साथ ही वहां तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था भी संस्थान के लोग ही करते है। भोजन बनाते समय सभी ध्यान मुद्रा में ही होते है ताकि खाने वाले के उपर इसका सकारात्मक असर पर पड़े इसका असर साफ देखा जा सकता है। यही नहीं संस्थान के लोग ही सुबह सुबह कोविड मरीजों के लिए काढ़ा की भी व्यवस्था करते है। ताकि कोरोना मरीजों की रिकवरी ठीक और जल्दी हो सके।
राजयोग ध्यान से मरीजों को राहत
कोरोना काल में कोरोना संक्रमितों की शीघ्र रिकवरी के लिए संस्थान के सदस्य ध्यान और मेडिटेशन कर कामना कर रहे हैं। इससे आध्यात्मिक सम्बल मिल सकें। गौरतलब है कि पिछले वर्ष कोरोना काल में संस्थान ने इस बिल्डिंग को आईसोलेसन केन्द्र बनाने के लिए दिया था। इसमें पूरे वर्ष कोरोना संक्रमितों का इलाज किया गया। इसके भोजन और सारी सुविधाओं की व्यवस्था भी संस्थान ने ही की थी। इससे सैकड़ों लोगों की जान बची थी।
सेंटर से 20 दिनों में 500 मरीजों ने जीती कोरोना से जंग
कोरोनाकाल में सिरोही जिले के आबूरोड के ब्रह्माकुमारी मानसरोवर कोविड सेंटर से अच्छी खबर आई है। यहां उपचार लेकर 20 दिनों में ही 500 मरीज कोरोना से जंग जीतकर अपने घर लौट चुके हैं। कोविड सेंटर में तेजी से रिकवरी रेट भी बढ़ रही है। 23 अप्रेल को किवरली स्थित मानसरोवर में कोविड सेंटर शुरू हुआ था। तब से लेकर आज तक लगभग 600 मरीज भर्ती हुए और इसमें से 500 से ज्यादा मरीज कोरोना को मात देने में कामयाब रहे। वर्तमान में 66 संक्रमितों का यहां उपचार चल रहा है, जिसमें से 60 ऑक्सीजन पर हैं, जबकि 6 मरीज सामान्य रूप से भर्ती हैं। मुख्य चिकित्सा प्रभारी डॉ. एमएल हिंडोनिया एवं डॉ. सलीम खान के नेतृत्व में 7 चिकित्सकों की टीम ने कोविड सेंटर का मोर्चा संभाल रखा है। ब्रह्माकुमारी मानसरोवर कोविड सेंटर की नोडल प्रभारी सुमन सोनल के अनुसार 2 सौ से ज्यादा कार्मिक यहां की व्यवस्था संभाल रहे हैं। मुख्य गेट से लेकर हेल्प डेस्क तक कार्मिक अलग-अलग शिफ्ट में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। पैरामेडिकल स्टाफ की टीम आने वाले मरीजों को पूरा इलाज से लेकर सब चीजों को देख इलाज करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। माउंट आबू उपखंड अधिकारी अभिषेक सुराणा पूरे कोविड सेंटर पर लगातार नजर बनाए हुए मानिटरिंग करते हैं। आबूरोड तहसीलदार रामस्वरूप जौहर भी समयसमय पर दौरा कर व्यवस्थाओं को देख रहे हैं।
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