याद आए भगराज: छह बार के विधायक रहे पूर्व मंत्री भगराज चौधरी को श्रद्धांजलि दी राजस्थान की विधानसभा ने

जालोर जिले के आहोर और रानीवाड़ा क्षेत्रों से विधायक रहे भगराज चौधरी को उनके साथियों ने श्रद्धासुमन अर्पित् किए। भगराज चौधरी राजस्थान के जालोर जिले में रानीवाड़ा और आहोर वे विधायक रहे हैं। चौधरी ने वर्ष 1962 से 2008 तक लगातार अलग-अलग 4 दलों से 11 चुनाव लड़े और छह बार जीतकर विधायक रहे।

छह बार के विधायक रहे पूर्व मंत्री भगराज चौधरी को श्रद्धांजलि दी राजस्थान की विधानसभा ने
अपने पुत्र जगदीश के साथ भगराज चौधरी।

जयपुर | जालोर जिले के आहोर और रानीवाड़ा क्षेत्रों से विधायक रहे भगराज चौधरी को उनके साथियों ने श्रद्धासुमन अर्पित् किए।

भगराज चौधरी राजस्थान के जालोर जिले में रानीवाड़ा और आहोर वे विधायक रहे हैं। चौधरी ने वर्ष 1962 से 2008 तक लगातार अलग-अलग 4 दलों से 11 चुनाव लड़े और छह बार जीतकर विधायक रहे।

भगराज वन मंत्री भी बने, लेकिन उन्होंने अपने ही अफसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ा।

वयोवृद्ध नेता एवं पूर्व मंत्री भगराज चौधरी का 10 फरवरी को जालोर स्थित उनके आवास पर 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

बीते कुछ दिनों से बीमार थे। 11 फरवरी को उनका अंतिम संस्कार किया गया।

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भगराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला और विधानसभा के सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

कम उम्र में ही रानीवाड़ा के विधायक बने

मूलतः सिवाना (बाड़मेर) के निकट राखी गांव के रहने वाले भगराज चौधरी युवावस्था से ही राजनीति में जाना पसंद करते थे।

इस वजह से भगराज चौधरी ने अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी करने के साथ ही नजदीकी जालोर जिले को प्रोफेशनल स्थान चुन लिया।

कांग्रेस से जुड़े होने के कारण उन्हें 1962 के चुनाव में रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिली।

इस चुनाव में चौधरी करीब 25 वर्ष की उम्र में ही रानीवाड़ा से विधायक बने। 1967 में वे चुनाव हार गए, लेकिन 1972 में फिर से जीते।  

आहोर से केवल 18 वोटों से हारे थे चौधरी
रानीवाड़ा में लगातार तीन बार चुनाव लड़ने के बाद भगराज चौधरी को कांग्रेस पार्टी ने स्थान बदलकर 1977 में आहोर विधानसभा क्षेत्र से टिकट थमाई।

यहां भगराज चौधरी जनता पार्टी के राजा गोपालसिंह से 18 वोट से हारे। चौधरी को 21157 मत मिले जबकि गोपालसिंह को 21175 वोट मिले।

इसके बाद 1980 में भी विभाजित हुई कांग्रेस के चलते चौधरी समुंदरकंवर के सामने चुनाव हार गए। वर्ष 1985 में भगराज ने लोकदल पार्टी से चुनाव लड़ा और आहोर क्षेत्र से विधायक बने।

फिर 1990 में जनता दल से लड़े लेकिन इस बार सामने गोपाल सिंह कांग्रेस से थे। हार गए।

1993 व 1998 में लगातार कांग्रेस की टिकट पर आहोर से विधायक बने, वर्ष 2003 में भाजपा के शंकरसिंह के सामने हार हुई, जबकि 2008 में कांग्रेस की टिकट पर जीतकर अंतिम बार विधायक बने। 

Must Read: राजस्थान में सत्ता की सियासत का चेहरा बदलने की तैयारियां,रविवार शाम को मंत्रियों का शपथ ग्रहण

पढें दिल्ली खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें First Bharat App.

  • Follow us on :