भारत: डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: गिरफ्तार बिचौलिए को 7 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजा गया
सीबीआई को सिंह को एक सितंबर को फिर इसी अदालत में पेश करना होगा।
सीबीआई को सिंह को एक सितंबर को फिर इसी अदालत में पेश करना होगा।
सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि सिंह ने अयोग्य उम्मीदवारों और डब्ल्यूबीएसएससी के भीतर भर्ती अनियमितता घोटाले के सरगनाओं के बीच बिचौलिए (मध्यस्थ) के रूप में काम किया था। वकील ने तर्क दिया कि एक बार सौदे को अंतिम रूप देने के बाद, उन्होंने उम्मीदवार और आयोग के अंदरूनी सूत्रों के बीच सेतु के रूप में काम किया, जो कि नियुक्ति को अंतिम रूप देने के लिए भुगतान की जाने वाली राशि को तय करने को लेकर था।
इस बीच, सीबीआई सूत्रों ने कहा कि सिंह से गहन पूछताछ की आवश्यकता है, क्योंकि उनके बयान से घोटाले में प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता के बारे में और सुराग मिल सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान जांच अधिकारियों को घोटाले से जुड़े दो अहम सुराग मिले हैं।
पहला सुराग सिंह के एक ईमेल खाते से संबंधित है, जहां से सीबीआई के अधिकारियों ने उनके और कई अवांछित उम्मीदवारों के बीच नियुक्ति और संबंधित भुगतान के संबंध में महत्वपूर्ण संचार (कम्युनिकेशन से संबंधित) बरामद किया है।
सूत्रों के अनुसार, दूसरा सुराग, कुछ अयोग्य उम्मीदवारों के साथ फिर से उनके निजी मोबाइल नंबर से कुछ महत्वपूर्ण व्हाट्सएप चैट से जुड़ा हैं। यह पता चला है कि सिंह एक कंप्यूटर-ग्राफिक्स सेटअप चलाता था, जिसका इस्तेमाल वह वास्तव में भर्ती अनियमितताओं से संबंधित अपने रैकेट को चलाने के लिए हब के रूप में करता था। यह विशेष सेटअप पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के पैतृक निवास से कुछ ही दूरी पर दक्षिण कोलकाता के नकटला में स्थित है।
सिंह शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किए गए पांचवें और सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए तीसरे आरोपी हैं। इससे पहले सीबीआई के अधिकारियों ने डब्ल्यूबीएसएससी की स्क्रीनिंग कमेटी के पूर्व संयोजक शांति प्रसाद सिन्हा को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पूरे घोटाले का केंद्र माना जाता है। इसके अलावा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा को गिरफ्तार किया गया था। दोनों फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं।
इससे पहले पिछले महीने, प्रवर्तन निदेशालय ने चटर्जी और उनके सहयोगी और अपराध में कथित साथी अर्पिता मुखर्जी को इसी मामले में गिरफ्तार किया था। उस समय अर्पिता मुखर्जी के दो आवासों से भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद हुआ था। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
--आईएएनएस
एकेके/आरएचए
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