भारत: दिल्ली: लैंडफिल साइटों से निजी संस्थाओं नें 10,000 मीट्रिक टन निर्माण व विध्वंस कचरा उठाने के भेजे प्रस्ताव

उपराज्यपाल ने 29 मई को गाजीपुर स्थित लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया था जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जनभागीदारी से इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरे को हटाने के उपाय किए जाएं। दिल्ली उपराज्यपाल वी के सक्सेना के निर्देश पर ही निगम ने राजधानी के नागरिकों से यह अपील की थी।

दिल्ली: लैंडफिल साइटों से निजी संस्थाओं नें 10,000 मीट्रिक टन निर्माण व विध्वंस कचरा उठाने के भेजे प्रस्ताव
Children growing up in Delhi landfills have little to do but sort out rubbish.
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस )। दिल्ली में मौजूद तीनों लैंडफिल साइटों पर जमा निर्माण, विध्वंस कचरे और इनर्ट उठाने के लिए दिल्ली नगर निगम नें राजधानी के लोगों से अपील की, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। एक महीने से भी कम समय में निजी संस्थाओं नें 10,000 मीट्रिक टन से ज्यादा इनर्ट, निर्माण और विध्वंस कचरा उठाने संबंधी प्रस्ताव भेजे, जिसमे से 8421.75 मीट्रिक टन इनर्ट, निर्माण और विध्वंस कचरा उठा लिया गया है।

उपराज्यपाल ने 29 मई को गाजीपुर स्थित लैंडफिल साइट का निरीक्षण किया था जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जनभागीदारी से इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरे को हटाने के उपाय किए जाएं। दिल्ली उपराज्यपाल वी के सक्सेना के निर्देश पर ही निगम ने राजधानी के नागरिकों से यह अपील की थी।

सक्सेना ने दिल्ली नगर निगम को एक जन सूचना जारी करने के लिए निर्देशित किया था, जिसमें दिल्ली नगर निगम ने दिल्ली और एनसीआर के नागरिकों से अपने निर्माण कार्यों में इनर्ट और निर्माण एवं विध्वंस कचरे को इस्तेमाल करने की अपील की गई, वहीं दिल्ली नगर निगम ने लैंडफिल साइट पर जमा इनर्ट, निर्माण एवं विध्वंस कचरा निशुल्क देने की पेशकश की थी।

21 जुलाई, 4 अगस्त को की गई अपील के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। दिल्ली- एनसीआर के नागरिकों और विभिन्न एजेंसियों की तरफ से एक माह से भी कम समय में 10500 मीट्रिक टन इनर्ट, निर्माण और विध्वंस कचरा उठाने संबंधी प्रस्ताव मिले हैं।

दिल्ली नगर निगम की यह पेशकश सभी के लिए फायदेमंद रही, इसके तीन लाभ सामने आए हैं। इससे दिल्ली नगर निगम के साथ साथ इनर्ट इस्तेमाल करने वाले नागरिकों, एजेंसियों के खर्च में कटौती आई है वहीं दूसरी तरफ कूड़े के पहाड़ों की ऊंचाई भी कम हो रही है।

उपराज्यपाल ने भवन और सड़क निर्माण से जुड़ी अन्य सरकारी एजेंसियों जैसे डीडीए, पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी और सीपीडब्ल्यूडी आदि को भी अपने कार्यों में इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा इस्तेमाल करने के लिए कहा था। डीडीए एवं पीडब्ल्यूडी ने इसके इस्तेमाल करने में रुचि दर्शाई है।

दिल्ली नगर निगम इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरे की एनएचएआई की निर्माण साइटों पर ढुलाई की मद में 500 रुपए प्रति मीट्रिक टन की दर से खर्च कर रहा था। लेकिन अब एजेंसियां, नागरिक इसे अपने खर्च पर उठा रहे हैं।

8421.75 मीट्रिक टन इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरा हटाने की मद में निगम ने 42.11 लाख रुपए बचाए हैं। वहीं पहले जो एजेंसियां इनर्ट एवं निर्माण एवं विध्वंस कचरे के लिए 500 से 700 रुपए प्रति टन की दर से अदा कर रही थी उन्हें यह कचरा अब निशुल्क मिल रहा है।

दिल्ली की भलस्वा, गाजीपुर एवं ओखला स्थित लैंडफिल साइटों पर इनर्ट मिट्टी का ढेर लगा हुआ है जोकि कचरे के निस्तारण से प्राप्त होती है। इस इनर्ट मिट्टी का प्रयोग सड़क तल से नीचे गई भूमि की भराई, भवनों की नींव की भराई, सड़क निर्माण, इंटरलॉकिंग ब्लाकों का निर्माण जैसे कार्यों के लिए किया जा सकता है।

इनर्ट मिट्टी के उठाने के पश्चात लैंडफिल साइटों पर खाली हुई जगह का प्रयोग अतिरिक्त ट्रॉमल मशीन स्थापित करने के लिए किया जाएगा जिससे लेगेसी कचरे के निस्तारण के कार्य में तेजी लाई जा सकेगी।

--आईएएनएस

एमएसके/एएनएम

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