भारत: विमानों में सिखों को कृपाण ले जाने की अनुमति के खिलाफ जनहित याचिका वापस ली गई
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)। सिखों को घरेलू विमानों में कृपाण ले जाने की अनुमति देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) सोमवार को वापस ले ली गई।न्यायमूर्ति सतीश चंदर मिश्रा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम
न्यायमूर्ति सतीश चंदर मिश्रा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा कि वह कुछ दबाव के कारण याचिका वापस ले रहा है। अदालत ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
अधिवक्ता हर्ष विभोर सिंघल के माध्यम से दायर याचिका में 4 मार्च को जारी डीजीसीए की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी। डीजीसीए ने कहा था कि सिर्फ सिख यात्री घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जा सकता है, बशर्ते उसके ब्लेड की लंबाई 15.24 सेमी (6 इंच) से अधिक न हो और कुल लंबाई 22.86 सेमी (9 इंच) से अधिक नहीं हो।
डीजीसीए ने कहा था, यह नियम सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए नहीं है, अन्य देशों के सिख भी भारत में घरेलू मार्गो से किसी भी भारतीय विमान में यात्रा करते समय कृपाण साथ ले जा सकते हैं, हालांकि उनके संबंधित देशों के कानून वहां नागरिक उड़ानों में कृपाण ले जाने पर रोक लगा सकता है।
डीजीसीए के बयान में आगे कहा गया है कि कोई राज्य धार्मिक प्रथा और पवित्रता को बनाए रखने के लिए भारत के विमानों में कृपाण ले जाने की मांग स्वीकार कर सकता है।
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू सेना द्वारा इसी तरह की एक अन्य जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के फैसले को चुनौती दी गई थी। फैसले में सिख यात्रियों को घरेलू उड़ानों में कृपाण ले जाने की अनुमति दी गई थी।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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