विवादों में श्रीपतिधाम: रसूख के आगे सब नतमस्तक, पीडि़तों को नहीं मिल रहा न्याय , गोचर कब्जाने वाले के यहां प्रस्तावित है गोपालन मंत्री का दौरा
नंदन वन के नाम से संचालित की जा रही गोशाला में गायों की संख्या कितनी है यह तो पता नहीं, लेकिन गोशाला की आड़ में जमीन कब्जाने का खेल जरूर चल रहा है।
- रसूख के आगे सब नतमस्तक, पीडि़तों को नहीं मिल रहा न्याय, गोचर कब्जाने वाले के यहां प्रस्तावित है गोपालन मंत्री का दौरा
- राजनेताओं और प्रशासनिक रसूख के आगे बौने साबित हुए कायदे, - श्रीपतिधाम का संचालक गोशाला की आड़ में कब्जा रहा सरकारी व खातेदारी भूमि
सिरोही. राजनीतिक व प्रशासनिक रसूख के आगे नियम-कायदे बौने साबित हो रहे हैं। वहीं, गोशाला की आड़ में सरकारी व खातेदारी भूमि को अवैध रूप से कब्जाया जा रहा है। मामला नया सानवाड़ा के समीप श्रीपतिधाम का बताया जा रहा है।
नंदन वन के नाम से संचालित की जा रही गोशाला में गायों की संख्या कितनी है यह तो पता नहीं, लेकिन गोशाला की आड़ में जमीन कब्जाने का खेल जरूर चल रहा है।
गोशाला संचालक के रसूख तो इतने है कि भाजपा सरकार में बने केबिनेट मंत्री का भी शनिवार को यहां दौरा प्रस्तावित है। नई सरकार के गोपालन व पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत का दौरा शनिवार को ही यहां प्रस्तावित है।
गोवंश की चराई के लिए गांवों में बचाकर रखे गोचर को जिस संचालक ने कब्जा रखा हो उसी के यहां यदि गोपालन मंत्री का दौरा हो तो समझ सकते हैं पीडि़तों को न्याय किस तरह मिल सकेगा।
गोचर पर कब्जे से पशु चराई में आ रही समस्या --
गांव की गोचर भूमि पर अवैध कब्जा होने से पशुपालकों को अपने पशु चराई में समस्या आ रही है। इस सम्बंध में कई बार लोगों ने प्रशासन तक अपनी आवाज भी पहुंचाई, लेकिन रसूख के आगे सब नतमस्तक दिख रहे हैं।
हाल ही में यहां खातेदारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किए जाने का मामला भी सामने आया है। खातेदार ने पुलिस व प्रशासन के आगे कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
राजनीतिक पहुंच होने से पीडि़तों की सुनवाई तक नहीं --
बताया जा रहा है कि श्रीपतिधाम के संचालक गोविंदवल्लभ की राजनीतिक व प्रशासनिक पहुंच है। राजनेता व प्रशासनिक अधिकारी यहां अक्सर आते रहते हैं। लिहाजा गोचर व खातेदारी भूमि पर अवैध कब्जों के मामले होने के बावजूद कार्रवाई नहीं हो पा रही।
संभवतया इनका वरदहस्त होने का फायदा मिल रहा है। हाल ही में स्थानांतरित हुए जिला कलेक्टर भंवरलाल को विदाई देने के लिए भी यहां कार्यक्रम हो चुका है। सिरोही के पूर्व विधायक भी यहां आते रहे हैं।
आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई --
कुछ समय पहले नया सानवाड़ा के ग्रामीणों ने गोचर भूमि पर अवैध रूप से कब्जे का आरोप लगाया था। इस सम्बंध में ग्रामीणों ने बैठक आयोजित कर रोष जताया तथा जिला कलक्टर को भी ज्ञापन दिया।
ग्रामीणों ने गोचर भूमि से कब्जे हटवाने की मांग रखी, लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नया सानवाड़ा पंचायत के नाम दर्ज है गोचर भूमि --
ग्रामीणों ने प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान भी ग्रामीणों ने इस मसले पर ध्यान आकर्षित करवाया था। इसके बाद तहसीलदार के आदेश पर पटवारी ने मौका-मुआयना किया। टीम में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी व उप सरपंच भी शामिल रहे।
मौका-निरीक्षण के बाद बनाई रिपोर्ट भी उल्लेखित किया गया कि श्रीपतिधाम गोशाला का एक भाग पटवार मंडल नया सानवाड़ा से लगता है। इसमें नया सानवाड़ा के खसरा नम्बर 881 गोचर भूमि ग्राम पंचायत नया सानवाड़ा के नाम दर्ज है।
गोचर भूमि में आगे एक कुटिया का निर्माण व कुछ भाग में पेड़-पौधे गोशाला के लिए लगाए गए हैं। इस तरह की रिपोर्ट एवं मौका-फर्द बनाए जाने के बाद भी न तो कार्रवाई हुई और न ही गोचर से कब्जा हटाया गया।
मानव श्रम से तैयार हुई नाडी भी कब्जा ली --
गोचर भूमि में एक नाडी भी निर्मित है, जिस पर पूर्व में मानव श्रम खर्च हो चुका है। मजदूरों को रोजगार देने के उददेश्य से यहां कार्य करवाया गया था। यह नाडी श्रीपतिधाम संचालक की ओर से कब्जाई गई गोचर भूमि पर निर्मित है।
इस पर कुछ वर्ष पहले मनरेगा योजना के तहत लाखों रुपए की लाागत से कार्य हो चुका है। चारागाह विकास कार्य पार्ट-एक के तहत यहां कार्य करवाया गया था।
करीब आठ माह तक कार्य संचालित किए जाने की कार्य पूर्ण अवधि एवं कार्य सम्बंधी अन्य जानकारी को लेकर यहां सीमेंटेड पीलर भी लगाया गया था।
अनधिकृत प्रवेश कर खातेदारी भूमि पर नुकसान --
सिरोही निवासी एक खातेदार पुखराज माली ने कुछ समय पहले जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारी ज्ञापन देकर उसकी खातेदारी भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे की शिकायत की थी।
इसके बाद सिरोही सदर थाना पुलिस को भी परिवाद दिया गया, लेकिन कहीं से भी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद खातेदार ने पुलिस अधीक्षक को भी परिवाद पेश किया, जिसे एसपी कार्यालय से सदर थाना पुलिस को भेजा गया, लेकिन इस परिवाद पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
खातेदार ने अपने परिवाद में गोविंदवल्लभ पर उसकी खातेदारी भूमि में अनधिकृत रूप से प्रवेश कर नुकसान करने का आरोप लगाया है।
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