CM की कोविड वैक्सीनेशन समीक्षा बैठक: Chief Minister की पीएम से छोटे बच्चों के vaccination जल्द शुरू करने और हर आयु वर्ग को बूस्टर डोज की मांग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज फिर कोरोना को लेकर ओपन समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री निवास से आयोजित वीसी में सीएम गहलोत ने कहा कि यह साबित हो गया है कि कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे कारगर उपाय है।
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज फिर कोरोना को लेकर ओपन समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री निवास से आयोजित वीसी में सीएम गहलोत ने कहा कि यह साबित हो गया है कि कोविड से बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे कारगर उपाय है।
ऐसे में हर आयु वर्ग का वैक्सीनेशन होना बेहद जरूरी है। विश्व के कई देशों में छोटे बच्चों का टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में केन्द्र सरकार भारत में भी छोटे बच्चों का वैक्सीनेशन जल्द शुरू करें।
इसके साथ ही बूस्टर डोज का भी दायरा बढ़ाया जाए। क्योंकि हर आयु वर्ग में को-मोर्बिड रोगी पाए जाते हैं।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं। हमारे देश में बच्चों की एक बड़ी आबादी है। इस लिए उनका टीकाकरण आवश्यक रूप से होना चाहिए।
ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि ऐसे में केन्द्र सरकार हर वर्ग के लिए बूस्टर डोज अनुमत करे।
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान वैक्सीनेशन के मामले में देश में मॉडल राज्य है। राजस्थान में अब तक 18 वर्ष से अधिक के 92 प्रतिशत से अधिक लोगों को वैक्सीन की पहली तथा करीब 78 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है।
वहीं राजस्थान में किशोर एवं किशोरियों का टीकाकरण भी पूरी मुस्तैदी से किया जा रहा है। मात्र 4 दिन में ही 15 से 18 वर्ष के 30 प्रतिशत से अधिक किशोर एवं किशोरियों को वैक्सीन लगा दी गई है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि मंत्रिपरिषद् के सदस्यों से लेकर पंचायत स्तर के सभी जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं स्वयं सेवी संस्थाएं लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करें।
इसके साथ ही कोविड प्रोटोकॉल की पालना के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए। दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हुए लोगों में पोस्ट-कोविड की जटिलताएं देखने को मिली हैं। कई लोगों में आज तक इसका असर दिख रहा है। ओमिक्रॉन के दुष्प्रभावों को लेकर भी हमें सचेत रहने की आवश्यकता है।
सीएम की वीसी में चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि वैक्सीनेशन अभियान में सभी वर्गाें का सहयोग मिल रहा है। 15से 18 वर्ग में पहली डोज लगाने का भरपूर उत्साह दिखाई दे रहा है।
प्रदेश में सफल वैक्सीनेशन अभियान के कारण संक्रमण की तीसरी लहर में मृत्युदर को नियंत्रित करने में हम कामयाब रहे हैं। आयुर्वेद राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि कोविड से बचाव में आयुष पद्धतियों का विशेष महत्व है। आयुर्वेदिक अस्पतालों को आवश्यकता होने पर स्थानीय स्तर पर ही 9 हजार 500 रूपए तक की दवाएं खरीदने के लिए अधिकृत किया गया है।
वीसी में गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क पहनने तथा कोविड व्यवहार की पालना सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। इसके लिए ग्राम स्तरीय जागरूकता समितियों को पुनः सक्रिय करने का सुझाव दिया। यादव ने पुलिस से तहसील मुख्यालय तक फ्लैग मार्च करने के निर्देश दिए।
वीसी में सीएस निरंजन आर्य ने कहा कि जिला कलेक्टर वैक्सीनेशन, कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर की पालना, जन जागरूकता अभियान, कोरोना के उपचार की रणनीति तथा स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की प्रतिदिन गहन मॉनिटरिंग करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार ने कोविड गाइडलाइन के दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत कराया। विदेश से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य किया गया है। उन्होंने संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए गए राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय नियंत्रण कक्षों के बारे में भी जानकारी दी।
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि लोगों को कोविड प्रोटोकॉल की प्रभावी पालना के लिए जिला मुख्यालय स्तर तक फ्लैग मार्च करवाया गया है। अब मास्क की अनिवार्यता को लेकर विशेष अभियान चलाएंगे।
वीसी में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों ने कोविड संक्रमण की स्थिति, वायरस के प्रभाव और बूस्टर डोज के संबंध में विचार व्यक्त किए। भंडारी ने हर आयु वर्ग में सहरूगणता पायी जाती है, इसलिए बूस्टर डोज सभी को लगाई जानी चाहिए। 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को भी वैक्सीन लगाई जानी चाहिए।
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