आमजन को मिलेगी रियायत: जेडीए, यूआईटी या हाउसिंग बोर्ड के बकाया पैसे एक साथ जमा करने पर नहीं लगेगा जुर्माना

हजारों ऐसे आवंटी है, जिन्होंने समय पर मकानों की किश्त जमा नहीं करवाई और उन पर जुर्माने के तौर पर 1 से लेकर 2 लाख या उससे ज्यादा का बकाया है।

जेडीए, यूआईटी या हाउसिंग बोर्ड के बकाया पैसे एक साथ जमा करने पर नहीं लगेगा जुर्माना

जयपुर। राजस्थान में गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले प्रशासन शहरों के संग अभियान से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने जनता के लिए रियायतों का पिटारा खोल दिया है। राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए उन आवंटियों को फायदा पहुंचाया है, जिन्होंने विकास प्राधिकरण, यूआईटी और राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से मकान या भूखण्ड लिया हो। ऐसे आवंटी, जिन्होंने अब तक इन मकानों का बकाया पैसा नहीं दिया है और अब एक साथ देना चाहते हैं तो उन्हें कोई ब्याज या जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। इस छूट का लाभ 15 सितंबर से मिलना शुरू होगा, जो अगले साल मार्च 2022 तक मिलेगा।
इसका सबसे ज्यादा फायदा हाउसिंग बोर्ड की कॉलोनियों के लोगों को होगा, जिन्होंने लंबे समय से किश्त का पैसा यह सोचकर नहीं जमा करवाया कि उन्हें इन पर बड़ा जुर्माना देना पड़ेगा। अकेले जयपुर में ही मानसरोवर, प्रताप नगर, शास्त्री नगर, जवाहर नगर और इंदिरा गांधी जगतपुरा योजना में

नगरीय विकास विभाग मंत्री शांति धारीवाल ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पूरे प्रदेश में 10 लाख मकानों के पट्टे जारी करने की घोषणा की है। इसी घोषणा को पूरा करने के उदेश्य से यह छूट दी जा रही है।
ऐसे मिलेगा लाभ
हाउसिंग बोर्ड के जयपुर समेत प्रदेश के किसी भी शहर जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही, कोटा, अलवर, भिवाड़ी, भरतपुर, बीकानेर कहीं किसी व्यक्ति को ईडब्ल्युएस, एलआईजी या एमआईजी 1 कैटेगरी का मकान आवंटित हुआ है तो उसे इस योजना के तहत फायदा मिलेगा। जिन व्यक्ति की किश्त का समय निकल गया है, ऐसे आवंटी को सारा पैसा एकमुश्त जमा करवाने पर पेनल्टी में 100 फीसदी छूट मिलेगी। इसी तरह जिन आवंटी की किश्त जमा करवाने का समय अभी नहीं निकला है और पहले की किश्त बकाया चल रही है, वह आवंटी एकमुश्त पैसा जमा करवाता है तो उसे पुरानी बकाया किश्तों पर कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी। भविष्य में जितनी किश्त बची है, उन किश्तों पर लगने वाली ब्याज की राशि भी नहीं ली जाएगी। हाउसिंग बोर्ड के अनुसार इस तरह के पूरे प्रदेश में एक लाख से भी ज्यादा मामले हो सकते हैं।
यूआईटी या विकास प्राधिकरण से यूं मिलेगा फायदा
प्रदेश में किसी भी शहर की यूआईटी या विकास प्राधिकरण की बसाई योजना के मामले में लाभ केवल उन्हें ही मिलेगा, जिन्हें 1 जनवरी 2001 या इस डेट से पहले मकान आवंटित किया गया हो। ऐसे प्रकरण में किसी व्यक्ति के मकान की किश्त या अन्य राशि बकाया चल रही है और वह एक साथ सारे पैसे जमा करवाना चाहता है तो उसे कोई ब्याज-पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। हालांकि इस तरह के मामले बहुत ही कम है।

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