दर्शन के साथ नब्ज टटोलने की कवायद: ‘अपनों’ का दुख बांटने के बहाने 2023 के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही राजे

देवदर्शन यात्रा के नाम पर वसुंधरा अपने समर्थकों को सक्रिय करने के साथ ही पार्टी नेतृत्व तक खुद के सक्रिय होने का अहसास कराने तथा राजस्थान की सियासी नब्ज टटोलने की कोशिश कर रही है।

‘अपनों’ का दुख बांटने के बहाने 2023 के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रही राजे

रोहित पारीक
पाली। पिछले तीन सालों से पुत्रवधु निहारिका की अस्वस्थता के कारण सत्ता व संगठन से दूर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देवदर्शन तथा पार्टी कार्यकर्ताओं का दुख बांटने के बहाने राजस्थान में वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव साध रही है। खुद की पार्टी में बने सियासत के अलग-अलग धु्रवों के बीच राजे की यह यात्रा इनदिनों राजस्थान की राजनीति में चर्चा का विषय है। बताया जा रहा है कि उनका यह कार्यक्रम पूर्णतया गैर राजनीतिक है तथा इस कार्यक्रम के बहाने वे सिर्फ देवदर्शन कर रही है, लेकिन वे जहां भी जा रही है वहां हो रही सभाएं और उनमें दिए जा रहे उनके उद्बोधन पूरी तरह सियासी रंग लिए हुए हैं।
क्या वसुंधरा राजे अपनी सक्रियता बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं? कुछ इसी तरह का सवाल इन दिनों राजस्थान बीजेपी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और मीडिया जगत में चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव में ढाई साल से भी कम वक्त बचा है। ऐसे में बीजेपी के नेताओं की सक्रियता प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ रही है, लेकिन क्या नेताओं की इस सक्रियता को सामान्य रूप में देखा जाए या किसी खास मिशन की तरह समझा जाए? जानकारों का मानना है कि राजस्थान में अभी भाजपा विधायकों की संख्या अंगुलियों पर गिनने लायक है। जबकि, सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी सडक़ से लेकर सदन तक प्रयास कर रही है। गहलोत सरकार की जादूगरी के कारण बीजेपी के हाथ ऐसा कोई हथियार नहीं मिल रहा है, जिसके सहारे सरकार के खिलाफ आक्रामक होकर हावी हुआ जा सके। जिस तरह से बीजेपी में अलग-अलग धु्रव बने हुए हैं, उनके बीच अपनी उपस्थिति का अहसास करवाने तथा आमजन में अपनी पैठ होने का दृश्य दिखाने के लिए भी राजे की सक्रियता बढ़ रही है।
पंचायतीराज चुनाव में नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र संभाले तो साथ ही संगठन की गतिवधियों में भी तेज़ी आई है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने जन आशीर्वाद यात्रा निकाली तो इस यात्रा में बीजेपी के कमोबेश सभी प्रमुख चेहरे मौजूद रहे। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां से लेकर केंद्रीय मन्त्रियों ने भी यात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए जनता तक पीएम नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार का मैसेज पहुंचाने की कोशिश की।
भूपेंद्र यादव की यात्रा के बाद अब राजस्थान में बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे यात्रा पर निकल पड़ी है। राजे के समर्थकों का कहना है कि वे तो मेवाड़ और वागड़ में पार्टी के उन नेताओं के घर संवेदना जताने जा रही हैं, जिनका पिछले दिनों निधन हुआ था। इसमें अजमेर के पूर्व सांसद रासासिंह रावत, चित्तौड़ की बेगूं सीट से विधायक और पूर्व मंत्री रहे चुन्नी लाल धाकड़, भीलवाड़ा के जहाजपुर से पूर्व विधायक शिवजीराम मीणा, भीलवाड़ा के बनेड़ा से पूर्व प्रधान हेमेन्द्र सिंह, वागड़ से आने वाले पूर्व मंत्री भवानी जोशी, जीतमल खांट, राजसमन्द से पूर्व विधायक और मंत्री किरण माहेश्वरी और प्रतापगढ़ के धरियावद से विधायक रहे गौतमलाल मीणा जैसे नाम शामिल हैं। 
धार्मिक आस्था वाली नेता हैं वसुंधरा राजे 
वसुंधरा राजे की छवि धर्म में आस्था रखने वाले नेता की है और मुख्यमंत्री रहते हुए भी वे अलग-अलग धर्म स्थलों पर जाती रही हैं। दिवगंत कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने से पहले भी राजे ने अलीगढ़ में ही बाईपास पर स्थित खेरेश्वर महादेव मन्दिर के दर्शन किए और दुग्धाभिषेक भी किया। राजे की अजमेर-मेवाड़ और वागड़ की यात्रा में भी देव-दर्शन का यह सिलसिला जारी रहा। वसुंधरा राजे की इस यात्रा को पूरी तरह निजी दौरा बताया जा रहा है लेकिन साथ ही इस यात्रा से पार्टी के एक धड़े में हलचल है। यह धड़ा इस यात्रा को सियासी टूर के रूप में देख रहा है। 
आज पाली में वसुंधरा
कोरोनाकाल में भाजपा परिवार में खोये सदस्यों के परिवारजनों को संबल देने तथा देव दर्शन यात्रा के बहाने शनिवार को पाली आ रहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की आवभगत में बड़ी संख्या में भीड़ जुटाने के लिए स्थानीय नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। पूर्व सीएम शनिवार सुबह 11 बजे हेलीकॉप्टर से बांगड़ स्कूल मैदान में उतरेंगी। यहां पर कार्यकर्ताओं की सभा का आयोजन किया गया है। पहले वे यहां पर सभा को संबोधित कर कार्यकर्ताओं में सक्रियता का मंत्र फूंकेंगी। साथ ही उनको आगामी चुनाव में भाजपा को वापस सत्तासीन करने की जिम्मेदारी भी देंगी। सभा में हजारों कार्यकर्ताओं व आम लोगों को लाने के लिए साधनों की व्यवस्था की गई है। शहर समेत रोहट इलाके की जिम्मेदारी विधायक ज्ञानचंद पारख खुद देख रहे हैं। इस पूरे दौरे को कामयाब बनाने के लिए भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी खुद दो दिन से पाली में ही डेरा डाले हुए हैं।
सभा के बाद संवेदना देने जाएंगी
सभा के बाद राजे पूर्व सांसद पुष्प जैन के पुत्र, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष स्व. गंगासिंह राजपुरोहित, दलित नेता मनोहर जाम की पत्नी के निधन, भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे सुभाष लोढ़ा व सुनील भंडारी के घर जाकर परिजनों को सांत्वना देंगी। यहां से वे जैतारण भी जाएंगी। वहां विधायक अविनाश गहलोत के भाई के निधन पर शोक जताएंगी। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी कहते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे कोरोना से भाजपा परिवार में खोए अपने लोगों के साथ दुख-दर्द बांटने के लिए आ रही हैं। दो साल तक कोरोना होने के साथ ही अपनी पुत्रवधू निहारिका सिंह के बीमार होने के कारण वे आ नहीं पाई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में हमारे कई साथी भी काल-कवलित हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री उनके घर जाकर परिजनों से मिलकर शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना देगी।

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