36 कौम की महासभा: सुराणा मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर सौंपा ज्ञापन, कहा- मांगे नहीं मानने पर होगा उग्र प्रदर्शन
सुराणा में शिक्षक की पिटाई से हुई छात्र की मौत मामले में मंगलवार को निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर 36 कौम के लोगों की सभा आयोजित हुई। जिसमें वक्ताओं ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने व पुलिस कांस्टेबल को बहाल करने की मांग की।
जालोर | राजस्थान में जालोर जिले के सुराणा में शिक्षक की पिटाई से हुई छात्र की मौत मामले में मंगलवार को निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर 36 कौम के लोगों की सभा आयोजित हुई। जिसमें वक्ताओं ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने व पुलिस कांस्टेबल को बहाल करने की मांग की। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। इस दौरान 36 कौम की सभा में कई वक्ताओं ने सुराणा प्रकरण को भीम सेना का षड्यंत्र करार दिया और कहा कि इस प्रकरण में छात्र की मौत का सभी को दुख है, उसके परिवार के प्रति गहरी संवेदना भी है, लेकिन जातिवाद के नाम पर विवाद खड़ा किया गया है जो दुर्भाग्य पूर्ण है। इस सभा में जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग और पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल ने भी उक्त प्रकरण में छुआछुत की बात को नकार दिया है।
बरसात के बावजूद एकत्रित हुई भारी भीड़
इस दौरान जिले के सांचौर, बगौड़ा, भीनमाल, सयाल में 36 कौम की सभा में कई नेताओं ने भी हिस्सा लिया और बरसात के बावजूद एकत्रित होकर विरोध दर्ज करवाया। सभा में वक्ताओं का ये भी मानना था कि, इस मामले में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। कार्यवाही के नाम पर एक पुलिस कांस्टेबल थान सिंह को सस्पेंड किया गया है, जबकि कांस्टेबल के पास कोई बड़ा अधिकार नहीं होता है।
36 कौम के लोगों की सभा में शामिल हुए लोगों की मांग है कि,
- सुराणा प्रकरण में एससी वर्ग के अलावा कार्मिकों और अधिकारियों पर जातिय द्वेषतावश कोई भी कार्यवाही नहीं की जाए। इस मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए बीट कांस्टेबल थान सिंह का निलंबन रद्द किया जाए।
- राज्य सरकार ने जल्दबाजी दिखाते हुए निजी विद्यालय सरस्वती विद्या मंदिर की मान्यता रद्द कर दी जो कि सरासर गलत है। ऐसे में स्कूल में अध्ययनरत 350 बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। स्कूल की मान्यता को अविलंब बहाल किया जाए।
- स्कूल में छुआछूत के आरोप बिल्कुल गलत है क्योंकि स्कूल के स्टाफ में आधे से ज्यादा एससी वर्ग से है।
- इस पूरे प्रकरण की जांच विचाराधीन है। ऐसे में झूठे आरोप गड़ने वालों लोगों की कोई सरकारी मदद नहीं की जानी चाहिए। सुराणा प्रकरण को लेकर भीम सेना के पदाधिकारी व बाहरी लोगों द्वारा माहौल खराब किया जा रहा है। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों पर पत्थरबाजी, गाली-गलौच कर माहौल को बिगाड़ा जा रहा है। ऐसे में उक्त अपराध करने वालों पर कार्यवाही करते हुए अभियोग दर्ज किया जाए।
- इस प्रकरण में पुलिस, प्रशासन व सरकार जल्द से जल्द प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की सत्यता को सार्वजनिक करे और सामुदायिक वैमनस्यता की भावना को दूर करे। जांच पूरी होने के बाद ही सरकारी मुआवजा प्रदान किया जाए।
- इस प्रकरण में छुआछुत व जातिवाद की कहानी झूठी है। जिसका कोई भी आधार नहीं है। इसलिए झूठी कहानी बनाने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और शिक्षक का नार्को टेस्ट करवाकर सीआईडी या सीबीआई से निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
नहीं मानी मांगे तो होगा उग्र प्रदर्शन
आपको बता दें कि, 18 अगस्त को सर्व समाज 36 कौम के लोगों ने जिला मुख्यालय पर हजारों की संख्या में धरना प्रदर्शन करते हुए उपक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने को लेकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया था। जिसकी अवधि 25 अगस्त 2022 को समाप्त होने जा रही है। ऐसे में सर्व समाज 36 कौम ने एक बार फिर से चेताते हुए ज्ञापन दिया है और कहा है कि, प्रशासन और सरकार समस्त मांगें माने जाने का लिखित में आश्वासन दे अन्यथा समाज उग्र प्रदर्शन करने से पीछे नहीं हटेगा, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन और सरकार की होगी।
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