Facility @ केंद्र का बुजुर्गों को तोहफा: पेंशनर्स के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने लॉन्च किया यूनिक फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी, देशभर के करोड़ों पेंशनभोगियों को होगा लाभ
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पेंशनभोगियों के लिए यूनिक फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का शुभारंभ किया। सिंह ने कहा कि इससे सेवानिवृत्त और बुजुर्ग नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग प्राप्त करने में आसानी होगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अपने जीवन का प्रमाणपत्र देने के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी एक ऐतिहासिक सुधार है
नई दिल्ली,एजेंसी।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr. Jitendra Singh) ने पेंशनभोगियों के लिए यूनिक फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (Unique face recognition technology) का शुभारंभ किया। सिंह ने कहा कि इससे सेवानिवृत्त और बुजुर्ग नागरिकों के लिए ईज ऑफ लिविंग प्राप्त करने में आसानी होगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अपने जीवन का प्रमाणपत्र (certificate of life) देने के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी एक ऐतिहासिक और दूरगामी सुधार है, क्योंकि यह न केवल 68 लाख केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को बल्कि उन करोड़ों पेंशनभोगियों को भी सुविधा प्रदान करेगा जो इस विभाग के अधिकार क्षेत्र से बाहर आते हैं जैसे EPFO, राज्य सरकार के पेंशनभोगी आदि। उन्होंने पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Department of Pension & Pensioners Welfare) के लिए इस प्रकार की तकनीक का निर्माण करने और इसे संभव बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ-साथ यूआईडीएआई (Unique Identification Authority of India) को भी धन्यवाद दिया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमेशा से ही सेवानिवृत्त और पेंशनभोगियों सहित समाज के सभी वर्गों के लिए 'ईज ऑफ लिविंग' की वकालत की है, जो अपने सभी प्रकार के अनुभवों और अपने द्वारा प्रदान की गई लंबे वर्षों की सेवा के साथ राष्ट्र की संपत्ति हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पेंशन विभाग द्वारा कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के दौरान भी तत्कालिक पेंशन/पारिवारिक पेंशन जारी करने की दिशा में कई प्रकार का सुधार किया गया है।
मंत्री ने कहा कि पेंशन विभाग द्वारा इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रौद्योगिकी का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है, चाहे वह डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (life certificate) की शुरुआत हो या भारत सरकार के सभी मंत्रालयों में पेंशन मामलों को आगे बढ़ाने के लिए एक कुशल और सामान्य सॉफ्टवेयर “भविष्य" की शुरुआत हो। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक पीपीओ (Electronic Ppo) को जारी करने और डिजी लॉकर में इसे आगे बढ़ाने की कोशिश ईज ऑफ लिविंग और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि यह विभाग पेंशनभोगी जागरूकता के लिए ई-बुकलेट (E-booklet) भी जारी कर रहा है और ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर जागरूकता अभियान भी चला रहा है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर सूचनाप्रद फिल्में रिकॉर्ड संख्या में हिट दिखाते हुए बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो चुकी है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिकायत निवारण पोर्टल(Grievance Redressal Portal), सीपीईएनजी आरएएमएस के साथ कॉल सेंटर अपने आप में डिजिटलीकरण का एक अन्य बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विभाग ने सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारियों के अनुभवों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए "अनुभव" नामक एक पोर्टल की शुरूआत की है जो कि हमारे लिए अब संसाधन का एक बहुत बड़ा आधार बन चुका है। विभाग ने न केवल पेंशन अदालतों की अवधारणा को प्रस्तुत किया है बल्कि वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल अदालतों को आयोजित करने के लिए प्रौद्योगिकी का भी लाभ उठाया है। डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr. Jitendra Singh) ने यह भी कहा कि पेंशन विभाग ने विभिन्न शहरों में पेंशनभोगी संघों को पंजीकृत करने की प्रणाली की शुरूआत की थी और विभिन्न शहरों में पंजीकृत किए गए लगभग 46 संघों के साथ, यह विभाग पेंशनभोगियों के बीच पेंशन नीति के लिए सुधार लाने के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के साथ-साथ पेंशन नीति सुधारों में उनकी सहायता प्राप्त करके अपने आपको मजबूत करने में सक्षम भी रहा है। उन्होंने कहा कि हाल ही में विभाग द्वारा एनपीएस सेवा से संबंधित नियमों के साथ-साथ एनपीएस के अंतर्गत आने वाले अधिकारियों के लिए ग्रेच्युटी का नियम भी लाया गया है। मंत्री ने आशा व्यक्त किया कि CCS (पेंशन) नियम, 1972 की समीक्षा और युक्तिकरण का विशाल कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है और जल्द से जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
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