DRDO के नाम एक ओर सफलता: Defense Research and Development Organization ने मानव संचालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का किया सफल परीक्षण
देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मानव संचालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का अंतिम सफल परीक्षण किया है। डीआरडीओ की स्वदेश में विकसित यह टैंक रोधी मिसाइल कम भार वाली, दागो और भूल जाओ मिसाइल है।
नई दिल्ली, एजेंसी।
देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मानव संचालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का अंतिम सफल परीक्षण किया है।
डीआरडीओ की स्वदेश में विकसित यह टैंक रोधी मिसाइल कम भार वाली, दागो और भूल जाओ मिसाइल है। डीआरडीओ के मुताबिक इसे दागे जाने के बाद पुनः निर्देशित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके बाद धुआं भी नहीं निकलता।
इस मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत मानव संचालित लॉन्चर से दागा गया।
डीआरडीओ की मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर हमला किया तथा उसे नष्ट कर दिया। परीक्षण के दौरान अंतिम वृत्तांत को कैमरे में कैद किया गया।
मिसाइल ने अपनी क्षमताओं को पुष्ट करते हुए सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है।
वर्तमान परीक्षण में इसको न्यूनतम सीमा तक सिलसिलेवार कार्य-प्रदर्शन में सिद्धस्त प्रदर्शित करना था। इस मिशन के दौरान सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया।
वहीं इस मिसाइल ने ऑन-बोर्ड नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर तथा एडवांस्ड एवियोनिक्स को सीमित कर दिया है।
इस मिसाइल के कार्य-निष्पादन को पहले की परीक्षण जांचों में अधिकतम सीमा तक के लिए प्रमाणित किया गया है।
इधर, देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल की निरंतर सफलताओं के लिए डीआरडीओ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली विकास में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने परीक्षण के दौरान मिसाइल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए टीम को बधाई दी।
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