BJP के आरोपों को CM ने किया खारिज: राजस्थान में अपराधों पर भाजपा के आरोप को मुख्यमंत्री गहलोत ने नकारते हुए कहा अपराध वृद्धि और अपराध पंजीकरण में बढ़ोतरी में अंतर

राजस्थान में अपराधों पर विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने के मामले में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी आरोपों को सिरे से खारिजकर दिया। सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अपराध बढ़ोतरी और अपराध पंजीकरण में बढ़ोतरी दोनों में अंतर है।

राजस्थान में अपराधों पर भाजपा के आरोप को मुख्यमंत्री गहलोत ने नकारते हुए कहा अपराध वृद्धि और अपराध पंजीकरण में बढ़ोतरी में अंतर

जयपुर।
राजस्थान (Rajasthan) में अपराधों पर विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने के मामले में आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot)ने सभी आरोपों को सिरे से खारिजकर दिया। सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अपराध बढ़ोतरी और अपराध पंजीकरण में बढ़ोतरी दोनों में अंतर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Record Bureau)के आंकड़ों के आधार पर भाजपा आरोप लगा रही हैं। भाजपा के आरोपों में कोई दम नहीं है। NCRB ने अपनी रिपोर्ट में शुरुआत में ही लिखा है कि अपराध समाज में मौजूद परिस्थितियों का ही परिणाम है। देश के विभिन्न राज्यों में प्रचलित नीतियों का भी इस पर फर्क पड़ता है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में टोलरेंस पावर होना बहुत जरूरी है। आज देश की राजधानी दिल्ली में जो सरकार है, उसमें ऐसा नहीं है। ​केंद्र सरकार(central government) ने ईडी, सीबीआई, आईटी और ज्यूडिशियरी पर दबाव बना रखा है। आज लोगों में डर है, उनके फोन टेप हो रहे हैं। पेगासस का मामला तो अब सामने आया है। हम तो पिछले पांच सालों से यह कहते आ रहे हैं कि किसी का फोन टेप करना डेमोक्रेसी में क्राइम है। इसकी सच्चाई भी सामने आएगी। सीएम गहलोत राजस्थान के 15 नए पुलिस थानों के लोकार्पण और शिलान्यास के वर्चुअल समारोह में बोल रहे थे।
अपराधी की सिफारिश नहीं मानने का सुझाव
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि डेमोक्रेसी में सिफारिश तो आएंगी, लेकिन सिफारिश उसकी मानो जिससे पीड़ित पक्ष को न्याय मिल सकें। प्रदेश में अगर पीड़ित पक्ष को न्याय नहीं मिलेगा तो इसका मतलब साफ है कि आप अपनी ड्यूटी नहीं कर पा रहे है।  इससे हमारी कमजोरी साबित होगी। राजस्थान में अपराध को कंट्रोल रखें।
भाजपा राज में 33 फीसदी केस कोर्ट से होते थे दर्ज
सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान ऎसा पहला राज्य है, जिसने अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन (Compulsory FIR Registration)की नीति लागू की। इससे न्यायालयों में इस्तगासों में कमी आई है। बलात्कार के प्रकरणों में वर्ष 2017-18 में करीब 33 प्रतिशत महिलाओं को एफआईआर के लिए कोर्ट जाना पड़ता था। अब यह आंकड़ा घटकर 16 प्रतिशत रह गया है। वर्ष 2019 में महिला अत्याचारों के 34 प्रतिशत प्रकरण पूरे देश में लंबित थे, जबकि राजस्थान में महिला अत्याचारों(women atrocities) के प्रकरणों का प्राथमिकता से निस्तारण करने के कारण वर्ष के अंत तक मात्र 9 प्रतिशत प्रकरण लंबित थे। देश के दूसरे कई राज्यों में कम पंजीकरण के बावजूद राजस्थान से ज्यादा प्रकरण लंबित थे। उन्होंने कहा कि महिला दुराचार के प्रकरणों की जांच में लगने वाला औसत समय भी प्रदेश में 287 दिनों से घटकर 140 दिन रह गया है।
34 करोड़ की लागत से तैयार 15 पुलिस थाने
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास(Chief Minister's residence) से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करीब 34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार 15 पुलिस थानों के नवीन भवन के लोकार्पण तथा नवसृजित 9 पुलिस थानों के शुभारम्भ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने जयपुर, झुंझुनूं, टोंक, हनुमानगढ़, पाली, चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द में एक-एक, उदयपुर में 2 और भीलवाड़ा एवं नागौर में 3-3 पुलिस थानों के नए भवन का लोकार्पण किया। इसके अलावा जयपुर पूर्व और डूंगरपुर में 2-2, चूरू, हनुमानगढ़, उदयपुर, अलवर और चित्तौड़गढ़ में एक-एक नए थाने का शुभारंभ किया।

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