सोनू सूद ने मुंबई से जोधपुर भेजी मदद: जोधपुर के एम्स में भर्ती मरीज के लिए मुंबई से अभिनेता सोनू सूद ने भेजी ब्लैक फंगस की दवा
जोधपुर के एम्स में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीज के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद फरिश्ता बनकर आए। महामरी में जहां पीड़ित को दवा नहीं मिल रही थी, वहीं सूचना पर सोनू सूद ने मुंबई से पीड़ित के लिए 10 इंजेक्शन भिजवाए। इंजेक्शन भी मुंबई से दिली आए, इसके बाद दिल्ली से सड़क मार्ग से जोधपुर लाया गया।
जोधपुर।
जोधपुर के एम्स (Jodhpur AIIMS) में भर्ती ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मरीज के लिए फिल्म अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) फरिश्ता बनकर आए। महामरी में जहां पीड़ित को दवा नहीं मिल रही थी, वहीं सूचना पर सोनू सूद ने मुंबई से पीड़ित के लिए 10 इंजेक्शन भिजवाए। इंजेक्शन भी मुंबई से दिली आए, इसके बाद दिल्ली से सड़क मार्ग से जोधपुर लाया गया। जोधपुर के कमल किशोर सिंघल (Kamal Kishore Singhal) का इन दिनों AIIMS में इलाज चल रहा है। उन्हें लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन बी इंजेक्शन (Liposomal amphotericin B injection) लगाए जाने थे, लेकिन यह पूरे राजस्थान में नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में उन्होंने सोशल मीडिया पर सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई।
इसके बाद सोनू सूद ने उन्हें निराश नहीं किया और कल रात मुंबई से दिल्ली के लिए इंजेक्शन रवाना कर दिए। उनके इस काम में मददगार बने जोधपुर के हितेश जैन व राजवीर सिंह कच्छवाह। ये दोनों भी सोनू की टीम से जुड़े हैं और कोरोना के दौर में मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों की मदद कर रहे हैं। सोनू ने इन्हें रात में ही दिल्ली पहुंचने को कहा था। जैन ने बताया कि कल रात डेढ़ बजे फ्लाइट दिल्ली पहुंची। दवा का पार्सल हमें साढ़े तीन बजे तक मिल पाया। इसके बाद हमने जोधपुर वापसी का सफर शुरू किया। करीब आठ घंटे में हम यहां पहुंच गए और सिंघल के परिजनों को एम्स में यह इंजेक्शन सौंप दिए।
मरीज बढ़ने के साथ ही नहीं मिल रही दवा
जोधपुर AIIMS में ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज पिछले कई दिनों से किया जा रहा है। धीरे-धीरे मरीज बढ़ते गए, लेकिन प्रशासन डिमांड के अनुसार जरूरी दवाओं की व्यवस्था नहीं कर पाया। अब हालात यह हैं कि AIIMS में आ रहे मरीजों को पहले ही कहा जा रहा है कि दवाएं नहीं हैं, दवा आने पर ही इलाज होगा। ब्लैक फंगस के 50 से अधिक मरीज AIIMS के 2 वार्ड में भर्ती हैं। इनके लिए जरूरी इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन बी नहीं है। AIIMS के कर्मचारियों ने बताया कि अगर इस समय इस अस्पताल का डॉक्टर भी यहां भर्ती हो जाए तो उसे ठीक से इलाज और दवाएं नहीं मिल पाएंगी। इसलिए मरीज को भर्ती के समय ही हिदायत दे दी जा रही है। ताकि वह समय रहते दूसरे अस्पताल में अपना इलाज करा सके।
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