अहमदाबाद 2008 सीरियल ब्लास्ट केस: 13 साल बाद अहमदाबाद के बम धमाकों के दोषियों को सजा का ऐलान, 49 में से 38 को फांसी और 11 को ताउम्र कैद

गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में कोर्ट ने आज सजा सुना दी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 49 आरोपियों को दोषी माना।  इनमें से 38 आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई तो 11 दोषियों को ताउम्र कैद में रखने का फैसला सुनाया।

13 साल बाद अहमदाबाद के बम धमाकों के दोषियों को सजा का ऐलान, 49 में से 38 को फांसी और 11 को ताउम्र कैद

अहमदाबाद, एजेंसी। 
गुजरात के अहमदाबाद में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में कोर्ट ने आज सजा सुना दी। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 49 आरोपियों को दोषी माना।
 इनमें से 38 आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई तो 11 दोषियों को ताउम्र कैद में रखने का फैसला सुनाया।
विशेष न्यायाधीश एआर पटेल की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए 49 अभियुक्तों को सजा सुनाई। देश में यह पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है।
 2008 बम धमाके मामले में सितंबर 2021 को सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद विशेष कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।


कोर्ट में 13 साल चले इस मामले में प्रॉसीक्यूशन ने 1100 गवाहों के बयान दर्ज​ कराए थे। जबकि इन बम धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी। 2009 दिसंबर से इस मामले में सुनवाई की जा रही थी। सीरियल बम धमाकों के बाद तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए तो आईपीएस आशीष भाटिया के नेतृत्व में टीम बनाई गई थी। 
इस धमाकों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अहमदाबाद का दौरा किया था। गौरतलब है कि 20 जुलाई को पुलिस टीम बनाई गई और महज 19 दिन में 30 आतंकियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया। 
इसके बाद बाकी के आतंकियों को गिफ्तार किया गया। अहमदाबाद में हुए धमाकों से पहले इंडियन मुजाहिदीन ने वाराणसी और जयपुर में भी धमाके किए थे। 
गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट में 21 बम धमाकों ने अहमदाबाद की रूह हिलाकर रख दी थी। इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीबन 200 लोग घायल हो गए थे।
 इस मामले में जांच के दौरान 80 आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया। 2 आरोपियों की मौत हो गई, जबकि 78 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किए गए। इस मामले में 51 लाख पेज की चार्जशीट, 1163 गवाहों की गवाही हुई।

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