विश्व: ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं पर कोविड का प्रभाव ज्यादा : सर्वे
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पाया गया कि महामारी के दौरान, महिलाओं के रोजगार, काम के घंटे, घरेलू श्रम, मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण सभी अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में ज्यादा नुकसान में रहे।
प्रमुख शोधकर्ता टेरी फिट्जसिमन्स ने कहा, महिलाओं के आकस्मिक, अंशकालिक या अनुबंध कार्यकर्ता होने की अधिक संभावना है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान अपनी नौकरी खो दी।
खनन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और कला सहित विभिन्न उद्योगों में कार्यरत 1,931 पुरुषों और 1,691 महिलाओं के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण से निष्कर्ष आया। सर्वे नवंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच किया गया।
सर्वेक्षण में शामिल 84 प्रतिशत पुरुष, महिलाओं की 74 फीसदी की तुलना में फुलटाइम जॉब में थे जिसका अर्थ है कि महिलाओं को अपनी नौकरी या आय खोने की अधिक संभावना थी।
इसके अलावा महिलाएं घरेलू श्रम, घर की सफाई और बच्चों के पालन-पोषण में अधिक समय लगा रही हैं और नौकरी के नए अवसरों या व्यावसायिक विकास के अवसरों को छोड़ रही थीं।
फिट्जसिमन्स ने कहा, इन नौकरी के नुकसान, कम आय और घरेलू श्रम बोझ के प्रभाव का मतलब है कि महिलाओं को थकान, तनाव, चिंता और अवसाद से बहुत पीड़ित होना पड़ा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि, निष्कर्ष ये सबूत देते हैं कि महामारी का प्रभाव महिलाओं और पुरुषों पर अलग-अलग पड़ा।
उन्होंने इसे दूर करने के लिए कुछ सिफारिशें की हैं जिसमें प्रारंभिक शिक्षा और चाइल्डकेअर में निवेश, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य सहायता में अधिक निवेश और लैंगिक रूढ़िवादिता की भूमिका को संबोधित करना शामिल है।
इस शोध में शामिल मिरियम येट्स ने कहा, सरकारों को हाइब्रिड कामकाजी व्यवस्थाओं को बेहतर ढंग से शामिल करने, माता-पिता की छुट्टी के अधिकार के लिए समान पहुंच प्रदान करने और वेतन-निर्धारण तंत्र को पूरी तरह से समीक्षा करने की भी आवश्यकता है।
--आईएएनएस
पीटी/एसकेपी
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