बिहार: नीतीश ने गया पितृपक्ष मेला की तैयारियों की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए कई निर्देश
मुख्यमंत्री ने सीता-कुंड का निरीक्षण करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिया कि रबड़ डैम से सीता कुंड को जोड़ने के लिए मार्ग का निर्माण कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सीता कुंड में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने अक्षय वट का निरीक्षण किया।
पटना | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को गया में पितृपक्ष मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थलों का भ्रमण कर जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सबसे पहले विष्णुपद मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। उसके पश्चात मुख्यमंत्री ने देवघाट का निरीक्षण किया और रबड़ डैम परियोजना की कार्य प्रगति की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से पितृपक्ष मेला अवधि में एवं साल भर तीर्थयात्रियों के लिये फल्गु नदी में जल की उपलब्धता रहेगी।
मुख्यमंत्री ने सीता-कुंड का निरीक्षण करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिया कि रबड़ डैम से सीता कुंड को जोड़ने के लिए मार्ग का निर्माण कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने सीता कुंड में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने अक्षय वट का निरीक्षण किया।
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भ्रमण के बाद मुख्यमंत्री ने गया समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में पितृपक्ष मेला - 2022 की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी डॉ त्याग राजन एस. एम. ने बताया कि इस वर्ष पितृपक्ष मेले का आयोजन 9 सितंबर से 25 सितंबर तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि पितृपक्ष मेले से संबंधित 55 पिंड वेदी हैं। इनमें सभी महत्वपूर्ण घाटों पर सभी प्रकार की तैयारियां की गयी हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि फल्गू नदी में निरंतर जलस्तर संधारण के लिए रबड़ डैम का निर्माण किया गया है। रबड़ डैम के ऊपर स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया है जिससे सीता कुंड एवं देवघाट की दूरी 3 किलोमीटर से घटकर 1.2 किलोमीटर रह गयी है।
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समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने एवं विदेशों से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में श्रद्धाभाव से अपने पूर्वजों का पिंडदान और तर्पण करने गया की मोक्षभूमि आते हैं। पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर व्यापक एवं बेहतर तैयारी रखें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए। उनके आवासन की भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए। घाट, मंदिर, वेदी, तालाब एवं पूरे शहर की साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गया सिर्फ राज्य ही नहीं पूरे देश और दुनिया के लिए ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल है। गया शहर को सभी लोग गया जी के नाम से संबोधित करते हैं।
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