दो सगे भाइयों ने लिखी सफलता की कहानी: सरकारी विद्यालय में अध्ययन करते हुए 96 व 91 प्रतिशत अंक प्राप्त कर विद्यालय व गांव का नाम किया रोशन
अब दोनों भाइयों ने 91 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर गांव और विद्यालय का नाम रोशन किया है। जो काबिले तारीफ है। इसका श्रेय उनके माता पिता और उनको तराशने वाले गुरुजनों को जाता है। हम जैसे शिक्षक व भामाशाह मिलकर ऐसी प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित करने का विचार कर रहे हैं.
रामसीन | निकटवर्ती गांव मांडोली के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत छोटे से गांव सुमेरगढ़ खेड़ा के दो सगे भाइयों ने कड़ी मेहनत कर सफलता की वो कहानी लिख दी है, जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। लगातार 8 घंटे पढ़ाई व शिक्षकों की मेहनत व माता—पिता का सहयोग से इन दोनों सगे भाइयों ने यह मुकाम हासिल किया है। ग्रामीण प्रतिभाओं ने अभावों में प्रभाव दिखाया। दोनों सगे भाई ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं।
उन्हें यह भी कर दिखाया कि अगर कड़ी मेहनत ओर लगन से पढ़ाई की जाए तो सरकारी विद्यालय में अध्ययन करते हुए भी अच्छे अंक प्राप्त किये जा सकते है। और दोनों भाइयों को अपनी सफलता पर पूर्ण विश्वास था और इसी का नतीजा था कि छोटे भाई महिपालसिंह ने 96.33 प्रतिशत तो बड़े भाई रविंद्रसिंह ने 91.67 अंक प्राप्त किये है।इनके पिताजी एक साधारण किसान है।
खेती बाड़ी कर अपना व अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। इन्ही से प्रेरणा लेकर दोनों भाइयों ने निश्चय किया कि वे लगातार मेहनत कर कुछ बनकर ही दिखाएंगे। गांव में तमाम भौतिक सुख सुविधाओं का नितांत अभाव है। सड़क बिजली पानी व आवागमन के साधनों का अभाव है।
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कभी साईकिल तो कभी पैदल ही पढ़ने के लिए मांडोली जाना पड़ता है। अधिकतर समय इनका आने जाने में ही व्यतीत हो जाता। तमाम मुश्किलों के बावजूद इन्होंने हार नहीं मानी और लगातार 6 से 8 घंटे पढ़ाई कर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। जिसकी खुशी न केवल उनके परिवार वालो को है बल्कि पूरे गांव व विद्यालय में खुशी का माहौल है और लोग घर आकर उनको बधाई दे रहे है। उनके माता पिता भी अपने बच्चों की प्रगति देखकर उत्साहित है।
छोटे भाई महिपाल सिंह का सपना डॉक्टर बनना तो बड़े भाई रविन्द्र सिंह का सपना प्रशासनिक अधिकारी बन लोगो की सेवा करना है। शिक्षक राजेन्द्र सिंह मांडोली ने बताया कि सुमेरगढ़ खेड़ा से काफी मात्रा में पढ़ाई के लिए मांडोली आते हैं। उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। चाहे खेल हो या शिक्षा सुमेरगढ़ खेड़ा के छात्र हर क्षेत्र में आगे रहते है। गत साल भी खुश्बू कंवर ने भी जिला स्तर पर स्थान प्राप्त कर गांव का नाम रोशन किया था।
अब दोनों भाइयों ने 91 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर गांव और विद्यालय का नाम रोशन किया है। जो काबिले तारीफ है। इसका श्रेय उनके माता पिता और उनको तराशने वाले गुरुजनों को जाता है। हम जैसे शिक्षक व भामाशाह मिलकर ऐसी प्रतिभाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित करने का विचार कर रहे हैं ताकि ऐसी प्रतिभाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिल सके।
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