टोक्यो ओलिंपिक And श्रीकांत: बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने ओलिंपिक क्वालिफिकेशन प्रोसेस किया बंद, भारतीय शटलर बिना प्रयास के बाहर   

भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत टोक्यो ओलिंपिक के लिए बिना कोशिश किए बाहर हो जाने से नाराज हैं। उन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन को क्वालिफिकेशन प्रोसेस बंद करने के अपने फैसले के बारे में विचार करने के लिए कहा है।

बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन ने ओलिंपिक क्वालिफिकेशन प्रोसेस किया बंद, भारतीय शटलर बिना प्रयास के बाहर   

नई दिल्ली। 
भारत के स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत टोक्यो (Kidambi Srikanth) ओलिंपिक के लिए बिना कोशिश किए बाहर हो जाने से नाराज हैं। उन्होंने बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) को क्वालिफिकेशन प्रोसेस बंद करने के अपने फैसले के बारे में विचार करने के लिए कहा है। श्रीकांत ने कहा कि पिछले 1 साल में जब से कोरोना महामारी फैली है, तब से 5-6 बैडमिंटन टूर्नामेंट कैंसिल हुए। फेडरेशन को इन सब को ध्यान में रखना चाहिए था। दरअसल शुक्रवार को बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने ऐलान किया था कि टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympic) के लिए क्वालिफिकेशन विंडो बंद कर दिया गया है। अब किसी के रैंक में कोई सुधार नहीं होगा। इससे श्रीकांत और साइना नेहवाल ( Saina Nehwal) के क्वालिफाई करने की उम्मीद खत्म हो गई थी। श्रीकांत ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में कोरोना की वजह से स्थिति कंट्रोल से बाहर थी। पर BWF हाईएस्ट बैडमिंटन अथॉरिटी होने की वजह से विचार कर सकता है। इससे पिछले 5-6 टूर्नामेंट जो कैंसिल हुए, उससे जिन-जिन खिलाडिय़ों को मदद मिलती, उन सभी रैंकिंग में फायदा पहुंचा सकते थे। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता, तो मेरे टोक्यो ओलिंपिक(Tokyo Olympic) के लिए क्वालिफाई करने के बहुत अच्छे चांसेज थे। इसलिए BWF को इस मामले पर फिर से गौर करना चाहिए। जिन्होंने क्वालिफाई कर लिया है, वे बहुत खुश हैं और जो नहीं कर पाए, वे खुद को अनलकी समझ रहे हैं। श्रीकांत ने कहा कि पिछले साल कोई नहीं जानता था क्या होगा। 2020 में मार्च में लॉकडाउन लगा। फिर दिसंबर में सबकुछ नॉर्मल होने लगा। मैंने इस साल जनवरी में थाईलैंड जाकर 2 टूर्नामेंट खेले। इसके बाद मार्च में फिर सबकुछ कोरोना की वजह से बिगडऩे लगा और टूर्नामेंट कैंसिल हो गए। श्रीकांत ने कहा कि मैंने 2016 रियो ओलिंपिक (Rio olympic) में देश का प्रतिनिधित्व किया और क्वार्टरफाइनल तक पहुंचा। इसलिए इस बार मेडल लाना चाहता था। अब मैं बहुत निराश हूं। अगर BWF चाहे तो अभी भी नए नियम बना सकता है और चांसेज हैं। पर ये मेरा अंत नहीं है। मैं आगे और मेहनत करूंगा और अच्छा करने की कोशिश करूंगा। बीडब्ल्यूएफ का ऑफिशियल क्वालिफिकेशन पीरियड 15 जून को खत्म हो रहा है। कोरोना की वजह से बैडमिंटन को पिछले 1 साल में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। इस साल जनवरी में थाईलैंड ओपन और फरवरी में BWF फाइनल्स के बाद उम्मीद थी कि बाकी टूर्नामेंट भी होंगे। पर कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा नहीं होने दिया। सिंगापुर ओपन कैंसिल हो गया। वहीं, मलेशिया ओपन और इंडिया ओपन समेत कई बड़े टूर्नामेंट पोस्टपोन हो गए।

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