पीड़ित को ही प्रताड़ना: कालंद्री थानाधिकारी क्यों नही करती पीड़ितों की एफआईआर दर्ज, बार बार कालंद्री क्षेत्र के पीड़ित ही एफआईआर दर्ज क्यों पहुंचते हैं एसपी कार्यालय?

कालंद्री थानाधिकारी पीड़ितों की एफआईआर तक नही करती दर्ज, पीड़ितों को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए लेना पड़ता हैं एसपी ऑफिस का सहारा या फिर न्यायालय के जरिए करवानी पड़ती हैं एफआईआर दर्ज। बार बार ऐसा होने के बावजूद उच्चाधिकारी नही करते कोई कार्रवाई, आखिर इसके पीछे क्या हैं मुख्य वजह?

सिरोही। सिरोही जिले के कालंद्री थाना में जबसे थानाधिकारी के रूप में उपनिरीक्षक सरिता की पोस्टिंग हुई हैं, तब से ही इस क्षेत्र के जनता थानाधिकारी की कार्यप्रणाली से काफी हद तक परेशान हैं। उपनिरीक्षक सरिता के पदग्रहण के बाद से यहां पीड़ितों को न्याय की जगह दुत्कार मिलती हैं। पीड़ितों की रिपोर्ट पर यहां सीधे एफआईआर दर्ज करने का मानो रिवाज ही खत्म हो गया हैं। कालंद्री थाना क्षेत्र के लोगो के साथ कोई अन्याय हो जाए और वो अगर न्याय की गुहार लगाने थाने पहुंच जाए तो पीड़ित को प्रताड़ित किया जाता हैं। फिर चाहे मामला मारपीट का हो, महिला अत्याचार का हो, अपहरण, लूट या फिर धोखाधड़ी। हर प्रकार के अन्याय की रिपोर्ट देने वाले पीड़ित की रिपोर्ट यहां सीधे कभी दर्ज ही नही हो रही। आखिर थक हार कर पीड़ित को या तो न्यायालय की शरण लेनी पड़ती हैं या फिर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपनी फरियाद लगानी पड़ती हैं, तब जाकर कहीं उस पीड़ित का मामला दर्ज किया जाता हैं।  

 

धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज नही की तो पीड़िता पहुंची एसपी ऑफिस

ताज़ा प्रकरण कालंद्री कस्बे की रहने वाली रेखा लखारा का हैं। पीड़िता रेखा लखारा ने एसपी ऑफिस पहुंचकर एसपी धर्मेंद्रसिंह को एक लिखित रिपोर्ट देकर बताया कि उसके पति ने 03 अगस्त यानी 22 दिन पूर्व कालंद्री थाने में एक लिखित रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन थानाधिकारी ने उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की बजाए उल्टा पीड़ित परिवार को डांट फटकार लगाकर प्रताड़ित किया जा रहा हैं। पीड़िता ने बताया कि उसके मकान निर्माण के लिए बाड़मेर जिले के रहने वाले ठेकेदार भगवानाराम चौधरी को 5 लाख 40 हज़ार रुपये में ठेका दिया गया। तय रकम की एवज में ठेकेदार को अब तक 95% भुगतान भी कर दिया हैं। लेकिन ठेकेदार भगवानाराम चौधरी मकान निर्माण का कार्य अधूरा छोड़कर भाग गया हैं। ठेकेदार उसके मकान निर्माण का कार्य पूरा नही कर रहा हैं और टेलीफोन पर उससे सम्पर्क करने पर वो उन्हें जान से मारने की धमकियां दे रहा हैं। पीड़िता की रिपोर्ट के बाद एसपी धर्मेंद्रसिंह ने कालंद्री थानाधिकारी को मामला दर्ज कर त्वरित गति से अनुसंधान कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के निर्देश दिए।

जब बार बार हो रही शिकायतें, तो फिर एसपी क्यों नही लेते संज्ञान?

कालंद्री थाने में पीड़ितों की एफआईआर दर्ज नही करने, क्षेत्र के लोगो के साथ दुर्व्यवहार करने का ये कोई पहला मामला नही हैं। इससे पहले भी कालंद्री थानाधिकारी सरिता की शिकायतों का पिटारा एसपी कार्यालय तक कई बार पहुंचा हैं। फिर चाहे वो कड़कड़ाती सर्दी की रात में निर्दोष नाबालिग बालिका व उसके रिश्तेदार को थाने में बैठाने का मामला हो, या फिर एक नाबालिग किशोरी के अपरहण की नाकाम कोशिश वाले मामले में एफआईआर दर्ज करने का मामला या फिर एक वृद्धा के साथ मारपीट की घटना की एफआईआर या एक विवाहिता को उसके ससुराल में दहेज के लिए प्रताड़ित कर मारपीट करने के मामले में एफआईआर दर्ज नही करने को लेकर पीड़ितों ने एसपी के समक्ष पेश होकर अपनी वेदना सुनाई तब जाकर उनकी एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा सत्तारूढ़ पार्टी की महिला इकाई की जिलाध्यक्ष ने स्वयं एसपी कार्यालय पहुंचकर कालंद्री थानाधिकारी के द्वारा जनता के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार को लेकर शिकायत की थी। लेकिन इसके बावजूद कोई संज्ञान नही लेना, कहीं न कहीं कालंद्री थानाधिकारी के बड़े राजनैतिक अप्रोच को इंगित करता हैं।

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