सीएम निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना: चिकित्सा मंत्री ने आईपीडी में भर्ती मरीज के लिए बेड साइड सिस्टम विकसित करने के दिए निर्देश, दवा की पर्ची बंद करने का प्रयास

प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में आईपीडी, ओपीडी की दवाएं और जांचें नि:शुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए। आईपीडी में भर्ती मरीज के लिए बेड साइड ऐसा सिस्टम विकसित करें ताकि उन्हें दवा की पर्ची ही ना दी जाए।

जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मरीज के परिजनों द्वारा बाहर की दवा मंगवाने की शिकायत के बाद चिकित्सा मंत्री लगातार अधिकारियों की क्लास ले रहे हैं। अब चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, अधीक्षक एवं संबंधित अधिकारियों को बेड साइड दवा सिस्टम शुरू करने के दिए निर्देश। 
मीणा ने निर्देशित किया कि प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में आईपीडी, ओपीडी की दवाएं और जांचें नि:शुल्क उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाए।
आईपीडी में भर्ती मरीज के लिए बेड साइड ऐसा सिस्टम विकसित करें ताकि उन्हें दवा की पर्ची ही ना दी जाए। ओपीडी में आने वाले मरीज को भी संस्थान में उपलब्ध दवाई ही लिखी जाए। 
उन्होंने कहा कि दवाएं उपलब्ध ना होने पर वैकल्पिक दवा लिखकर जरूरतमंदों की मदद की जा सकती है। मीणा ने कहा कि 'मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान' योजना प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य के लिए क्रांतिकारी योजना है। 
उन्होंने प्रदेश के सभी स्वास्थ्य कार्मिकों, मेडिकल, पैरामेडिकल व संबंधित कार्मिकों को योजना के सफल क्रियान्वयन में भागीदार बनने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में जब 'मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना' का आगाज हुआ था, तब लोगों को इसके सफल होने पर आशंकाएं थी। 
चिकित्सा कार्मिकों के सहयोग से यह योजना आज देश भर के लिए मिसाल बन चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना का अभी ट्रायल चल रहा है, चिकित्सा कार्मिक यदि पूरे मनोयोग से सहयोग करेंगे तो प्रदेश एक बार फिर चिकित्सा के क्षेत्र में इबारत गढ़ेगा।
मेडिकल शिक्षा प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने कहा कि अप्रेल माह तक प्रदेश में ट्रायल चल रहा है। 1 मई से प्रदेशभर में योजना विधिवत शुरू हो जाएगी। ऐसे में चिकित्सक आमजन को योजना के अनुरूप चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि एसेंशियल ड्रग लिस्ट के अलावा दवाओं की जरूरत होने पर अधिकारीगण आरएमएससीएल या नियमनुसार रेट कांटेक्ट कर दवा खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से भी आवश्यकतानुसार दवाओं को क्रय किया जा सकता है।
चिकित्सा मंत्री की वीसी में उदयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर व अन्य मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों से इस महत्वाकांक्षी योजना पर बनाई कार्ययोजना पर चर्चा की गई। 
इस अवसर पर एसएमएस अस्पताल के डॉ अमरजीत सिंह मेहता ने योजना के तहत किए जा रहे कार्यों को भी पीपीटी के माध्यम से बताया। उन्होंने योजना को प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किए जाने के लिए भी आश्वस्त किया।