Rajasthan @ प्रदेश में 2 नए बायो प्लांट: राज्य को अब 2 रुपए 44 पैसे की दर से मिलेगी विण्ड एनर्जी, सरकार फागी और छतरपुर में लगाएगी दो बायोमॉस प्लांट

राज्य के चार विण्ड प्लांटों से अब 2 रुपये 44 पैसे की दर से बिजली मिलेगी। बायोमॉस आधारित विद्युत उत्पादन के दो नए प्लांट लगाए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सोलर एनर्जी कारपोरेशन (एसईसीआई) के माध्यम से निविदा के द्वारा यह दर तय की गई है जो विण्ड विद्युत खरीद की सबसे कम दर होगी।

जयपुर।
राज्य के चार विण्ड प्लांटों(wind plants) से अब 2 रुपये 44 पैसे की दर से बिजली मिलेगी। बायोमॉस आधारित विद्युत उत्पादन के दो नए प्लांट लगाए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सोलर एनर्जी कारपोरेशन(Solar Energy Corporation) (एसईसीआई) के माध्यम से निविदा के द्वारा यह दर तय की गई है जो विण्ड विद्युत खरीद की सबसे कम दर होगी। उन्होंने बताया कि इन प्लांटोें से अनुबंध के तहत पहले 5 रुपये 71 पैसे की दर से बिजली खरीद की जा रही थी। अनुबंध अवधि पूरी होने के बाद नए सिरे से दर तय की गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल(Dr. Subodh Agarwal) ने राजस्थान उर्जा विकास निगम के संचालक मण्डल की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि आरएसएमएमएल, एफएफआर सॉफ्टवेयर, एमेजो पॉवर एलएएलपी और उसदेव एंनजिटेक की अनुबंध अवधि समाप्त होने के बाद अब बिजली 2 रुपये 44 पैसे की दर से मिलेगी। इससे आने वाले समय में अनुबंध अवधि पूरे होने वाली अन्य विद्युत परियोजनाओं से भी प्रदेश में आगे उत्पादन जारी रखने की स्थिति में सस्ती दर पर बिजली मिलने की राह प्रशस्त हो गई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य में जयपुर जिले के फागी और बीकानेर के छतरपुर के पास दो बायोमॉस पॉवर प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। इन प्रोजेक्टों से करीब 22.9 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में बिजली की मांग के अनुसार खरीद और बेचान की दरों की मॉनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत को मजबूत करते हुए तुलनात्मक अध्ययन कराया जाएगा ताकि व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में देशभर में कोयले की कमी के कारण आपूर्ति व्यवस्था डगमगाने से बिजली का तात्कालीक संकट आया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Chief Minister Ashok Gehlot) की इस संकट के प्रति गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि गुरुवार को ही उच्च स्तरीय बैठक लेकर समीक्षा की है। उन्होंने बताया कि इस तात्कालिक बिजली संकट के दौर में बिजली बचत खासतौर से अधिक उर्जा खपत वाले उपकरण जैसे एयर कण्डीसनर आदि का उपयोग नहीं करने और पीक ऑवर में बिजली की बचत कर सहयोग करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री गहलोत के निर्देश और भावनाओं के अनुसार बिजली बचत का संदेश जन जन तक पहुंचाने की पहल की है। राजस्थान उर्जा विकास निगम के प्रबंध संचालक भास्कर ए सावंत ने बताया कि राज्य में बिजली के उत्पादन, उपलब्धता और मांग की लगातार मॉनेटरिग की जा रही है और विपरीत परिस्थि्तियों के बावजूद विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुव्यवस्थित रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने विस्तार से वर्तमान हालात से निपटने के लिए की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। उर्जा विकास निगम की 44 वीं बोर्ड मीटिंग में  टी. रविकांत, नवीन अरोड़ा, गोपाल विजय व अविनाश सिंघवी और विजय सिंह भाटी ने वर्चुअली हिस्सा लिया।