भारत से चावल का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर: भारत से विदेशों में चावल के निर्यात में 109 प्रतिशत रिकॉर्ड, 6115 मिलियन डॉलर तक जा पहुंचा निर्यात

भारत का गैर-बासमती चावल निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 के 2925 मिलियन डॉलर की तुलना में आश्चर्यजनक तरीके से 109 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर तक जा पहुंचा है।  डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में दुनिया भर के 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात किया। 

नई दिल्ली, एजेंसी। 
भारत का गैर-बासमती चावल निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 के 2925 मिलियन डॉलर की तुलना में आश्चर्यजनक तरीके से 109 प्रतिशत बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर तक जा पहुंचा है। 
डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में दुनिया भर के 150 से अधिक देशों को चावल का निर्यात किया। 
भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में रिपोर्ट किए गए 150 से अधिक देशों में से 76 देशों को एक मिलियन डॉलर से अधिक का निर्यात किया जो पिछले कई वर्षों के दौरान भारत के चावल निर्यात के विविधीकरण को इंगित करता है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार की नीतियां किसानों को वैश्विक बाजार तक पहुंच प्राप्त करने एवं खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायता कर रही हैं।
डीजीसीआईएस आंकड़ों के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2019-20 में 2015 मिलियन डॉलर के बराबर के गैर बासमती चावल का निर्यात किया था। यह बढ़ कर वित्त वर्ष 2020-21 में 4799 मिलियन डॉलर तथा वित्त वर्ष 2021-22 में 6115 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
गैर बासमती चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में 27 प्रतिशत की वृद्धि तथा 6115 मिलियन डॉलर अर्जित करने के साथ सभी कृषि वस्तुओं के बीच सबसे अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला क्षेत्र रहा।
कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अध्यक्ष डॉ. एम अंगमुथु ने कहा, ‘‘विदशी मिशनों के सहयोग के साथ हमारे पास लॉजिस्ट्क्सि का समन्वित विकास है तथा गुणवता ऊपज के उत्पादन पर फोकस है, जिसने भारत की चावल निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा दिया है।’’  
पश्चिमी अफ्रीकी देश बेनिन भारत से गैर बासमती चावल के प्रमुख आयातक देशों में से एक है। इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश, चीन, कोट डी आवोआयर, टोगो, सेनेगल, गिनी, वियतनाम, जिबोटी, मेडागास्कर, कैमरून, सोमालिया, मलेशिया, लाइबेरिया, संयुक्त अरब अमीरात आदि देशों में भी चावल का निर्यात होता है। 
वित्त वर्ष 2020-21 में, भारत ने नौ देशों- तिमोर-लेस्टे, प्यूओर्टो रिको, ब्राजील, पपुआ न्यू गिनी, जिम्‍बाब्‍वे, बुरुंडी, एस्वाटिंनी, म्यांमार तथा निकारगुआ को गैर बासमती चावल का निर्यात किया। यहां पहली बार निर्यात किया गया था या इससे पहले जो निर्यात किया गया था, वे कम मात्रा में निर्यात किए गए थे।
पिछले दो वर्षों में भारत का जोर बंदरगाह संचालन करने वाले बुनियादी ढांचे को विस्तारित करने तथा चावल निर्यात के लिए देशों या बाजारों में नए अवसरों की खोज करने के लिए प्रयासों के साथ-साथ प्रमुख हितधारकों को शामिल करने वाली मूल्य श्रृंखला के विकास पर रहा है जिसके कारण चावल के निर्यात में भारी बढोतरी हुई है।
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए द्वितीय अग्रिम आकलन के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चावल के कुल उत्पादन के रिकॉर्ड 127.93 मिलियन टन होने का अनुमान है जो पिछले पांच वर्षों के 116.44 मिलियन टन के औसत उत्पादन की तुलना में 11.49 मिलियन टन अधिक है।

बहरहाल, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए द्वितीय अग्रिम आकलन के अनुसार, देश में कुल खाद्यान्न् उत्पादन के रिकॉर्ड 316.06 मिलियन टन होने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रहे खाद्यान्न के उत्पादन की तुलना में 5.32 मिलियन टन अधिक है।
भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। 
रिकॉर्ड निर्यात चावल उत्पादकों को अपने भंडार को कम करने में सक्षम बनाएंगे तथा किसानों को भी लाभ पहुंचाएंगे क्योंकि भारतीय चावल के लिए बढ़ी हुई मांग से उनकी प्राप्ति में सुधार आने की संभावना है।